नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही ‘इंडिया अलायंस’ में बात बिगड़ती दिख रही है। पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच समझौता नहीं हो पा रहा है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के बीच पंजाब में कोई समझौता नहीं होगा। सूत्रों ने कहा कि दोनों दल की स्थानीय इकाई पंजाब में समझौता नहीं चाहती है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच पहले दौर की बैठक में पंजाब को लेकर कोई चर्चा ही नहीं हुई।
सोमवार को नई दिल्ली में दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठक हुई : पहली बार हुई इस बैठक में पंजाब और नयी दिल्ली में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई। हालांकि किसी तरह की सहमति नहीं बन पाई है। वहीं हरियाणा और गोवा में सीट बंटवारे को लेकर दूसरे दौर की बैठक में बातचीत होगी। रोचक पहलू यह है कि पंजाब और हरियाणा के अधिकांश कांग्रेस नेता लोकसभा चुनावों में आप के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। वहीं पंजाब में आप के नेताओं के भी कांग्रेस के प्रति कोई अच्छे बयान नहीं आ रहे हैं।
नयी दिल्ली में हुई इस बैठक में कांग्रेस की गठबंधन कमेटी के प्रमुख मुकुल वासनिक के साथ आप नेता आतिशी, संदीप पाठक और सौरभ भारद्वाज शामिल रहे। बैठक में हरियाणा से न तो कांग्रेस के नेता शामिल थे और न ही आप के नेता। फिलहाल, केंद्रीय नेताओं के स्तर पर बातचीत शुरू हुई है। स्थानीय नेताओं से बाद में बातचीत होगी। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह राजा वड़िंग तथा विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा भी गठबंधन न करने के बयान देते रहे हैं। पंजाब में 13, हरियाणा में 10, दिल्ली में 7, चंडीगढ़ में 1 तथा गोवा में लोकसभा की दो सीटें हैं। चंडीगढ़ की सीट को पंजाब के साथ ही जोड़ाकर चर्चा होती है। यानी इन 14 सीटों में से आप की ओर से कांग्रेस को पांच से छह सीटें देने की पेशकश की जा रही है। वहां कांग्रेस आधी सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है। इसी तरह नयी दिल्ली की सात सीटों में से आप और कांग्रेस के बीच 3-4 और 2-5 के फार्मूले पर बातचीत होने की खबरें हैं।