गढ़शंकर । पंजाब सरकार ने विभिन्न जिलों के 117 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को स्कूल ऑफ एमिनेंस (एसओई) योजना के तहत लाने और उन्में सिर्फ नौवीं से बारहवीं कक्षाओं तक की कक्षाएं संचालित करने तथा अगले शैक्षणिक सत्र से कक्षा छह में दाखिले बंद का फैसला किया है। यह एक अनुचित कदम है। दूसरे फरमान के तहत इन स्कूलों में वर्तमान में कार्यरत प्रधानाध्यापकों को ही मनचाहे पद पर नहीं रखा जा रहा है। जिस कारण से कई प्राचार्य को दूर दराज बदलने जाने का डर सता रहा है।.
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह, महासचिव मुकेश कुमार, वित्त सचिव अश्विनी अवस्थी और सुखदेव डानसीवाल ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पंजाब के शिक्षा मंत्री से इस फैसले पर फिर से विचार करने की मांग की है। शिक्षा विभाग द्वारा एसओआई योजना के तहत स्कूलों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए गूगल रिस्पांस सीट जारी कर पंजाब के सभी प्रधानाध्यापकों को इस पत्रक में उत्तर भरने को कहा गया है और एस.ओ.ई. में काम करने के इच्छुक है तो आठ प्रतिष्ठित स्कूलों को चुनने का निर्देश दिया
उक्त नेताओं ने मांग की है कि जो प्रधानाध्यापक मौजूदा स्कूल में रहना चाहते हैं उन्हें वहीं रहने दिया जाए। उन्होंने योजना पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी भी रचनात्मक और वैज्ञानिक शिक्षा मॉडल में पहला लक्ष्य शिक्षा का आधार यानी कक्षा एक से आठ तक की शिक्षा को उत्कृष्ट और मानक बनाना होना चाहिए।