अमृतसर। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने शनिवार को सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेका। उन्होंने अपनी भावनाएं विजिटर बुक में व्यक्त करते हुए कहा कि ईलाही श्री हरिमंदिर साहिब में अरदास करने का आज सपना साकार हुआ है। देश व मानवता की सेवा में यहां अरदास करने के योग्य होने का यह सौभाग्य पल है।
इस मौके पर प्रधान धामी ने सीजाआई चंद्रचूड़ को सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब का सुनहरी माडल, सिरोपा व ऐतिहासिक पुस्तकों का सैट देकर सम्मानित किया। प्रधान धामी ने मुख्य न्यायाधीश को इंटरनेट मीडिया मंच पर सिखों के खिलाफ किए जा रहे नफरती दुष्प्रचार (प्रोपोगंडा) को रोकने के लिए ज्ञापन भी सौंपा।
सिखों के खिलाफ फैलाई जा रही नफरत : धामी ने कहा कि सिखों ने देश के विभाजन के दौरान बड़ी कुर्बानियां दी हैं, लेकिन कुछ शरारती तत्वों द्वारा जानबूझकर सिख सिद्धांतों, इतिहास, मर्यादा व अलग पहचान इत्यादि को लेकर नफरत भरी टिप्पणियां की जा रही हैं। उन्होंने खुलासा किया कि इस संदर्भ में एसजीपीसी के जनरल इजलास में प्रस्ताव पारित कर केंद्र व राज्य सरकारों को भेजे गए हैं। लेकिन सिखों के खिलाफ नफरत से भरी टिप्पणियों का सिलसिला निरंतर जारी है।
सीजेआई से की ये अपील : सरकारों द्वारा इस प्रति कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। एडवोकेट धामी ने मुख्य न्यायाधीश से मांग की कि वह भारतीय न्याय प्रणाली के सर्वोच्च पद पर आसीन होने के नाते इस संजीदा मसले का गंभीर नोटिस लें। इस मौके पर महासचिव भाई रजिंदर सिंह मेहता, भाई गुरचरन सिंह ग्रेवाल, एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, सुरजीत सिंह आदि मौजूद थे।