ऊना में भेड़ पालकों के लिए जागरूकता एवं प्रशिक्षण शिविर आयोजित, गद्दी समुदाय के कल्याणार्थ प्रदेश सरकार कृत संकल्प: सत्ती

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ऊना 17 फरवरी: जनजातीय विकास विभाग हिमाचल प्रदेश के सौजन्य से हिमाचल प्रदेश वूल फैडरेशन एंव पशु पालन विभाग द्वारा ”सरकार भेड़ पालकों के द्वार” कार्यक्रम के तहत आज एक दिवसीय भेड़ प्रजनक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन उप-निदेशक, पशुपालन कार्यालय में किया गया। जिसमें छठे वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की, जबकि हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर कार्यकम में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर सतपाल सिहं सत्ती ने कहा कि भेड़ पालकांे के कल्याणार्थ प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि बकरी पालन योजना के तहत सरकार द्वारा लाभार्थी को 60 प्रतिशत उपदान पर बकरियां दी जाती है। बकरियों का दुध कई बीमारियों के उपचार के लिए काम आता है। उन्होंने कहा कि हम सबकों इस समुदाय पर गर्व है। भेड़ों से हमें खेती करने के लिए प्राकृतिक खाद मिलती है। सत्ती ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गद्दी समुदाय के कल्याणार्थ जगह-जगह प्रशिक्षण शिवरों का आयोजन किया जा रहा है।
सत्ती ने कहा कि इस समुदाय ने अपने पुश्तैनी व्यवसाय से प्रदेश को एक अलग पहचान बनाई है। इस पहचान को बनाए रखने के लिए भेड़ पालन व्यवसाय को लुप्त होने से बचाए रखना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस व्यवसाय में चरागाह सम्बंधी आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई कारगर कदम उठाए हैं। भेड़ पालकों की चरागाह की समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा परमिट जारी करने की अवधि को तीन वर्ष से बढ़ा कर 6 वर्ष किया गया है।
वूल फेडरेशन के चेयरमैन त्रिलोक कपूर ने कहा कि यह शिविर जनजातीय विकास विभाग प्रदेश के द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं। शिविर में सरकार की ओर से भेड़पालकों को एक प्राथमिक उपचार के लिए जरूरी औषधियां सहित एक सोलर स्वचालित टॉर्च किट भी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि भेड़पालन व्यवसाय बहुत कठिनाइयों भरा हुआ है। इस व्यवसाय को बचाना और भेड़पालकों की हर समस्या के समाधान के लिए सरकार जगह-जगह कैंप लगाए जाते हैं ताकि भेड़पालकों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जा सके।
प्रशिक्षण शिविर में लगभग 150 भेड़ पालकों ने भाग लिया, शिविर के दौरान पशुपालन विभाग के विशेषज्ञयों/चिकित्सकों द्वारा भेड़ पालको को भेड़-बकरी के स्वास्थ्य उपचार से सम्वन्धित महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी गई।
इस अवसर पर डीएफओ मृत्युंजय माधव, उपनिदेशक जय सिंह सेन, सहायक निदेशक परियोजना डाॅ सुरेश धीमान, तहसीलदार हुसन चंद, डाॅ मुंशी राम कपूर, डाॅ अमित शामा, डाॅ सतिंदर ठाकुर, मैनेज़र मार्किटिंग दीपक सैणी सहित भेड़ पालक व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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