पीएचसी पोसी में वर्ल्ड एंटी-माइक्रोबियल जागरुकता हफ्ता की शुरूआत
गढ़शंकर : प्राइमरी हेल्थ सेंटर पोसी के सीनियर मेडिकल अधिकारी डाक्टर रघबीर सिंह की अध्यक्षता में सभी उप केंद्रों पर वर्ल्ड एंटी-माइक्रोबियल जागरुकता हफ्ता की शुरूआत की गई। इस मौके पर जानकारी देते हुए डाक्टर रघबीर सिंह ने बताया कि एंटी-माइक्रोबियल जागरुकता हफ्ता एक वैश्किक स्तर का अभियान है, इस अभियान का उद्देश्य लोगों में एएमआर के प्रति जागरुकता फैलाना है। एंटी-माइक्रोबियल अवेयरनेस वीक का इस साल का थीम प्रीवेंटिंग एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस टुगेदर है।
मई, 2015 में हुए अड़सठवीं विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में एंटीबायोटिक दवाओं और अन्य एंटी-माइक्रोबियल दवाओं के रेजिस्टेंस की बढ़ती समस्याओं से निपटने के लिए एक वैश्विक कार्य योजना का प्रस्ताव रखा गया। इस योजना का उद्देश्य लोगों को एएमआर (माइक्रोबियल रेजिस्टेंस) के प्रति जागरुक करना था।
हम में से कई ऐसे लोग हैं जो बिना डॉक्टर की सलाह के एंटी-माइक्बोरियल दवाओं का सेवन करने लगते हैं, जिसका स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। इसकी वजह से शरीर में कुछ साइड-इफेक्ट्स नजर आ सकते हैं। सही समय पर दवाएं न लेना,अपने मुताबिक दवाओं की डोज बढ़ाना और कम करना।
,बिना डॉक्टरी सलाह के दवाओं का सेवन करना,बिना डॉक्टरी सलाह के घर पर रखी दवाओं का सेवन करना सही नहीं है।
डॉक्टर द्वारा दी जानें वाली दवाओं का सेवन समय पर न करना भी सेहत के साथ खिलवाड़ है।हम में से कई लोग इस बात से अंजान हैं कि एंटी-बायोटिक दवाओं का सेवन किसी भी स्थिति में करना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। रिसर्च के मुताबिक, बैक्टीरिया में एएमआर के कारण 2019 में लगभग 1.27 मिलियन लोगों की जान गई हैं। ऐसे में एंटीबायोटिक्स के बारे में जानना और जागरूक होना बहुत ही जरूरी है।