नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव की चुनावी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। भाजपा की कोशिश एनडीए को विस्तार देने की है। चुनाव के नजदीक आते देख चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी और पंजाब के शिरोमणि अकाली दल के एनडीए में हिस्सा बनने की चर्चा तेज है। सूत्रों की मानें तो आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू बीजेपी नेताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं। उनके और भाजपा हाईकमान से बीच बातचीत अंतिम दौर में है। ऐसे में बीजेपी और तेलुगु देशम पार्टी पार्टी के बीच कभी भी चुनावी गठबंधन का ऐलान हो सकता है।
वहीं शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के बीच गठबंधन की रूपरेखा लगभग तैयार है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों दलों के बीच कभी भी औपचारिक ऐलान हो सकता है। सूत्रों ने इस बात की तस्दीक की है कि दोनों पार्टियों के बीच अब सिर्फ सीट बंटवारे पर पेंच फंसा है। ऐसे में सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर बात बनने के बाद दोनों दलों के बड़े नेता एक साथ चुनावी मंच पर नजर आ सकते है।
जानें कहां फंसा है पेंच : किसान आंदोलन, सिख बंदियों की रिहाई के मामलों को लेकर अकाली दल की ओर से दबाव बनाया जा रहा था। साथ ही पंजाब की बीजेपी लीडरशिप भी गठबंधन के पुराने फार्मूले के तहत ज्यादा सीटें अकाली दल को देने के हक में नहीं है। शिरोमणि अकाली दल पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 8 पर खुद लड़ना चाहता है और 5 सीटें बीजेपी को देना चाहता है। वहीं बीजेपी अपने बढ़ते जनाधार को देखते हुए ज्यादा सीटें लेने पर अड़ी हुई है। भाजपा ने जो फार्मूला तैयार किया है उसके मुताबिक अकाली दल को 7 और खुद 6 सीटों पर लड़ने की योजना है।
पश्चिमी यूपी में BJP को मिल सकती है बढ़त : आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी का बीजेपी में आना लगभग तय हैं। पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, मुरादाबाद डिवीजन के साथ ही मेरठ, अलीगढ़ और आगरा में लोकसभा की करीब 18 सीटें हैं, यहां बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है।ऐसे में अगर भाजपा के साथ आरएलडी का चुनावी गठबंधन का ऐलान होता है तो इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा। आरएलडी का बेस्ट भाजपा के साथ बेस्ट कॉम्बिनेशन पहले भी रहा हैं।
भाजपा आरएलडी का जानें पूराना इतिहास : साल 2002 के यूपी विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें उसके 14 विधायक जीते थे. वहीं 2009 लोकसभा चुनाव भी रालोद ने भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था, तो उसने अप्रत्याशित जीत हासिल की थी। भाजपा गठबंधन में रालोद के 5 सांसद लोकसभा चुनाव जीते थे। ऐसे में पुराने इतिहास को देखते हुए ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में सपा-आरएलडी का गठबंधन हो सकता हैं।