गढ़शंकर, 21 जुलाई : डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह, महासचिव मुकेश कुमार और वित्त सचिव अश्वनी अवस्थी ने पंजाब सरकार द्वारा केवल 117 ऐमिनेंस स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को 4000/- रुपये की वर्दी देने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस सरकार के इस फैसले से यह साबित हो गया है कि 19 हजार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों को 600/- रुपये में दी जाने वाली वर्दी अच्छी नहीं हो सकती।
नेताओं ने कहा कि उनके संगठन ने पहले भी 600 रुपये की राशि को नामात्र घोषित करते इसको बढ़ाने की मांग की थी ताकि छात्रों के लिए मानक वर्दी उपलब्ध करायी जा सके। जानकारी देते हुए डीटीएफ नेताओं ने बताया कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को वर्दी उपलब्ध कराने के लिए स्कूलों को 600 रुपये प्रति विद्यार्थी जारी किए जाते हैं।
जबकि 0.6 प्रतिशत स्कूलों, जिन्हें एमिनेंस स्कूल का नाम दिया गया है, को प्रति छात्र 4000 रुपये की वर्दी जारी करने का निर्णय शेष 99.4 प्रतिशत स्कूलों के छात्रों के साथ भेदभावपूर्ण है। जहां पंजाब सरकार इन स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए अधिक सुविधाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है, वहीं यह पक्षपातपूर्ण शिक्षा मॉडल स्थापित किया जा रहा है। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब के नेता राजीव बरनाला, गुरपियार कोटली, जसविंदर औजला, जगपाल बंगी, बेअंत फूलेवाला, रघबीर भवानीगढ़, हरजिंदर सिंह वडाला बांगर, दलजीत सफीपुर, कुलविंदर जोशन, पवन कुमार मुक्तसर, महिंदर कौड़ियांवाली, तेजिंदर सिंह, रूपिंदर गिल और सुखदेव डानसीवाल ने पंजाब के सभी सरकारी स्कूलों में इस तरह के भेदभावपूर्ण मॉडल की जगह छात्रों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा और अन्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग दोहराई।