चंडीगढ़। सौ करोड़ से ज्यादा की साइबर ठगी से जुड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह के मामले में आरोपितों के साथ मिलीभगत कर साक्ष्य को छिपाने और दबाने के मामले में पूर्व साइबर थाना एसएचओ इंस्पेक्टर रणजीत सिंह सहित एक सब इंस्पेक्टर और दो हैड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है। एसपी मुख्यालय केतन बंसल ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। सस्पेंड होने वालों में पूर्व साइबर थाना एसएचओ रणजीत सिंह, सब इंस्पेक्टर कृष्ण देव सिंह, हेड कॉन्स्टेबल बहादुर सिंह और हेड कॉन्स्टेबल राजिंदर सिंह शामिल हैं। इंस्पेक्टर रणजीत सिंह फिलहाल ट्रैफिक में तैनात थे और बाकी सभी साइबर क्राइम थाने में ही तैनात थे। साल 2019 में चीन से एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिए वर्क परमिट वीजा पर एक चीनी नागरिक कुक बनकर भारत आया। उसने दिल्ली के एक पीसी फाइनेंस कंपनी में नौकरी की।
यह कंपनी लोगों को तत्काल, बिना वेरिफिकेशन लोन देती थी। कंपनी पर भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन और केवाईसी की शर्तों का पालन न करने का आरोप था। इसकी जांच में आरबीआइ ने फरवरी 2022 में भारत में कंपनी का संचालन बंद करवा दिया। इसके बाद आरोपित ने मोबाइल एप के जरिए गिरोह बनाना शुरू कर दिया। वह जरूरतमंद लोगों को अच्छे वेतन का झांसा देकर अपनी कंपनी में शामिल कर लेता था।
100 करोड़ की ठगी : इसके साथ ही वह उन्हीं से लोगों को लोन के नाम पर फंसाने व अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर वसूली करवाने का करता था। इस कंपनी से 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी की। मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एफआइआर नंबर 33/2022 दर्ज की थी। मामले में आरोपित चीनी नागरिक को गिरफ्तार भी किया गया था। साथ ही गिरोह के कई अन्य लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। जांच के दौरान एक आरोपित को पुलिस ने नोटिस देकर बुलाया था। मगर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। न ही इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। मामले में इस लापरवाही पर अब चारों को सस्पेंड किया गया है।