पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कुछ दिन पहले आम आदमी आदमी पार्टी के कार्यकाल में राज्य में बढ़ रहे कर्जे का हिसाब मांगा था। जिसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के राज्यपाल को पत्र लिखकर अपनी सरकार में लिए गए कर्ज का पूरा ब्यौरा सौंपा है। इसके साथ ही राज्यपाल से सवाल किया है कि इससे पहले की सरकारों से क्यों ऐसा विवरण नहीं मांगा गया?
मुख्यमंत्री ने कर्ज का हिसाब देते हुए की डिमांड : भगवंत मान ने राज्यपाल को भेजे हुए पत्र में लिखा “मैं आपसे यह भी आग्रह करूंगा कि आप माननीय प्रधानमंत्री को न केवल लंबित 5637 करोड़ रुपए आरडीएफ जारी करने के लिए मनाएं, बल्कि कम से कम 5 वर्षों के लिए राज्य के ऋण भुगतान पर रोक भी लगाएं।”
क्यों नहीं मांगा गया पिछली सरकार से ब्यौरा : पंजाब के मुख्ममंत्री भगवंत मान ने कहा था कि उनकी सरकार राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को पंजाब की आप सरकार ने जो कर्ज लिए हैं और खर्च किए धन का ब्यौरा देगी। इतना ही नहीं पंजाब की पिछली सरकार से ऐसा ऋण का ब्यौरा ना मांगने की सीएम ने आलोचना भी की थी।
आप सरकार में लिया गया कितना कर्ज : इसके बाद अब राज्यपाल द्वारा मांगे गए पंजाब के लिए गए ऋण और खर्च का विवरण देते हुए उन्हें एक पत्र भी लिखा है। जिसमें भगवंत मान ने लिखा ‘एक अप्रैल 2021 से लेकर 31 अगस्त 2023तक पंजाब पर 47106 रुप ये करोड़ रुपये का कर्ज और चढ़ा है। इसमें से 27016 करोड़ रुपया पिछले कर्च का ब्याज अदा करने में खर्च हुए हैं जो आपकी सरकार के समय लिया गया था।’
राज्यपाल ने दिया जवाब : इस पत्र के जवाब में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि पंजाब सरकार आईडीएफ के मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण में जा चुकी है तो वो कोर्ट के फैसले का इंजतार करें। राज्यपाल ने साथ ही लिखा “मुझे इस बात का पता चला है कि इस आप सरकार के कार्यकाल में 50 हजार करेाड़ का खर्च चढ़ा है और अगर सीएम ये हिसाब दें कि इतनी बड़ी धनराशि कहां खर्च हुई, कहां उसका इस्तेमाल किया गया तभी वो प्रधानमंत्री को बता पाएंगे कि पंजाब सरकार द्वारा लिया गया कर्च सही जगह पर इस्तेमाल हुआ है।”