धर्मशाला : हिमाचल में कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने का विधेयक पारित हो गया गया है। शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सदन में शुक्रवार को राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (एफआरबीएम) संशोधन विधेयक 2023 पास हुआ। इसके बाद राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष में 11 हजार करोड़ रुपए तक ऋण ले सकेगी। अभी तक मौजूदा वित्त वर्ष में 8 हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने की तय सीमा थी। एफआरबीएम कानून में संशोधन के बाद राज्य सरकार सकल घरेलू उत्पाद का 6% तक कर्ज ले सकेगी, यानी अभी सरकार 3 हजार करोड़ रुपए सरकार ओर ले सकती है। इस विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव सदन में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रखा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में हिमाचल प्रदेश पर कर्ज करीब 74,622 करोड़ रुपए कर्ज हो जाएगा। भाजपा की पिछली सरकार ने 26,716 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। केंद्र सरकार ने ऐसा कहा है। इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है। इसके तहत वर्ष 2022-23 में राज्य के जीडीपी का 6 फीसदी कर्ज लिया जा सकेगा। 2023-24, 2024-25 में यह सीमा 3.5 प्रतिशत होगी, जबकि इसे सामान्य परिस्थिति में केवल 3 फीसदी तक ही लिया जा सकता है।
सदन में जीएसटी (वस्तु एवं सेवाएं कर) रिटर्न के सरलीकरण से जुड़ा एक अध्यादेश और इससे संबंधित विधेयक भी सदन में पारित किया गया है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 43वीं और 45वीं बैठकों में सुझाए गए वित्तीय अधिनियम के संशोधन शामिल किए गए हैं।