शिमला। हिमाचल विधानसभा चुनाव रिजल्ट आने से पहले ही कांग्रेस को अपने जीतने वाले नेताओं की खरीद-फ़रोख़्त (हॉर्स ट्रेडिंग) का डर सताने लगा है। इसलिए पार्टी ने अभी से खरीद-फ़रोख़्त रोकने की रणनीति बना दी है। इस पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू इत्यादि दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं से चर्चा कर चुके हैं। पार्टी सूत्र बताते हैं कि खरीद-फ़रोख़्त से बचने के लिए हाईकमान ने चुनाव जीत कर विधायक बनने वालों को प्रदेश से बाहर गुप्त स्थान पर ले जाने की हिदायत दी है, ताकि बीजेपी के नेता सदस्य से संपर्क ही न कर सके। सभी केंद्रीय नेताओं को अलग-अलग जिला के जीतने वाले सदस्य को सरकार बनने तक साथ रखने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। चर्चा के बाद निष्कर्ष निकला है कि हिमाचल के वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक एवं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, पर्यवेक्षक सचिन पायलट, सह प्रभारी संजय दत्त, गुरकीरत सिंह कोटली, तेजेंद्र पाल बिट्टू मतगणना से एक-दो दिन पहले हिमाचल पहुंचेंगे और चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों के साथ तब तक रहेंगे, जब तक प्रदेश में सरकार नहीं बन जाती है। हिमाचल कांग्रेस के कई नेता बीते एक सप्ताह के दौरान खरीद-फ़रोख़्त की अंदेशा जता चुके हैं। अन्य प्रदेशों के अनुभव को देखते सियासी गलियारों में भी यह चर्चा आम है कि यदि किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाता है और कुछ निर्दलीय जीतकर आते है, तो उस सूरत कांग्रेस सरकार बनाने से चूक सकती है। ऐसे में भाजपा के सरकार बनाने के ज्यादा चांस रहेंगे। कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत जरूरी माना जा रहा है।
कांग्रेस को सताने लगा खरीद-फरोख्त का डर : बीजेपी के संपर्क से बचने को सदस्य राज्य से बाहर गुप्त स्थान पर किए शिफ्ट
Nov 25, 2022