काउंके की पत्नी ने दर्ज करवाई शिकायत, शिकायत 16 पुलिस अधिकारियों के नाम, काउंके की पत्नी ने कहा मुझे इंसाफ चाहिए

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जगरांव :  श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार गुरदेव सिंह काउंके की पुलिस हिरासत में हुई कथित मौत के मामले में शनिवार को उनकी पत्नी गुरमेल कौर ने थाना सदर जगरांव में शिकायत दर्ज करवाई है।  सात पेज की शिकायत में उन्होंने तत्कालीन 16 पुलिस अधिकारियों समेत कई पुलिसकर्मियों के नाम लिखे हैं। इस दौरान उनका बेटा हरी सिंह और वकील परउपकार सिंह घुम्मन के अलावा एसजीपीसी सचिव रजिंदर सिंह महता, पूर्व सचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल, पूर्व सचिव अमरजीत सिंह चावला, भगवंत सिंह सियालका पूर्व विधायक शिव राम कलेर, मेंबर जगजीत सिंह तलवंडी, सुखदीप सिंह मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि श्री अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार गुरदेव सिंह काउंके की रहस्यमय ढंग से गुमशुदगी और कथित हत्या के 31 साल बाद पहली बार एक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है। रिपोर्ट जुलाई 1999 में शिअद सरकार को सौंपी गई थी। यह पंजाब मानवाधिकार संगठन (पीएचआरओ) की ओर से जारी की गई थी। काउंके की गैर-न्यायिक हत्या के आरोपों के बाद 1998 में पंजाब सरकार ने जांच का आदेश दिया था। तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) बीपी तिवारी ने मामले की जांच की थी।

 मुझे इंसाफ चाहिए :  थाना सदर जगरांव में एसजीपीसी सदस्यों व अकाली नेताओं के साथ शिकायत देने पहुंचीं पूर्व जत्थेदार गुरदेव सिंह काउंके की पत्नी गुरमेल कौर ने कहा कि उन्हें इंसाफ चाहिए। जिन पुलिस अधिकारियों ने उनके पति को मौत के घाट उतारा है, उन पर केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए। इस दौरान उन्होंने एसजीपीसी व अकाली दल पर भरोसा जताते हुए कहा कि पंथक पार्टी उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी है। सुखबीर सिंह बादल ने भी भरोसा दिया है कि वह उनके हर सुख-दुख में साथ हैं। अब उन्हें इंसाफ की उम्मीद जगी है।

सुप्रीम कोर्ट तक भी जाना पड़े तो हम पीछे नही हटेंगे:  वकील परउपकार सिंह घुम्मन ने कहा कि काफी समय निकल चुका है। अब और समय खराब नहीं किया जा सकता। इंसाफ के लिए अगर उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक भी जाना पड़ा तो पीछे नहीं हटेंगे। जब तक आरोपियों को सजा नहीं मिलती और दोषी जेल की सलाखों के पीछे नहीं पहुंचे जाते, हम चुप नहीं बैठेंगे। हर हाल में परिवार को इंसाफ दिलाकर रहेंगे। इस मामले में कई आरोपियों की मौत हो चुकी है लेकिन अभी बहुत से आरोपी बाहर घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस खुद मान रही है कि उन्होंने जत्थेदार काउंके को पूछताछ के बाद छोड़ दिया था। फिर वह कैसे हथकड़ी छुड़वा कर फरार हुए? पुलिस कहती है कि वह दो जनवरी 1993 को फरार हुए लेकिन गिरफ्तार कब हुए थे, इसकी कोई जानकारी नहीं है। ऐसे कई सवाल हैं, जिनसे वह पर्दा उठाकर रहेंगे।

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