एएम नाथ। नालागढ़ : सोलन जिले का विधानसभा क्षेत्र इसी के साथ संपूर्ण सोलन जिले में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है जो 15 जुलाई तक लागू रहेगी। गौरतलब है कि नालागढ़ से जीते निर्दलीय विधायक कृष्ण लाल ठाकुर ने राज्यसभा में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट देने के बाद 13 मार्च को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद उनका इस्तीफा स्पीकर ने लटकाये रखा लेकिन लोकसभा चुनाव परिणाम से एक दिन पहले 3 जून को स्वीकार कर सीट खाली होने की घोषणा कर दी। केएल ठाकुर ने 2022 का विधानसभा चुनाव बतौर निर्दलीय प्रत्याशी लड़ा था और 33427 मत लेकर कांग्रेस प्रत्याशी हरदीप बावा (20163) को 13264 मतों से हराया था। भाजपा प्रत्याशी लखविंद्र राणा उस चुनाव में 17273 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
भाजपा को लोकसभा में मिली बढ़त : नालागढ़ लोकसभा चुनाव में भाजपा की कमान एक बार फिर से निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर के हाथ में थी। यहां से भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप को 15164 को लीड मिली। लगभग इतने से ही केएल ठाकुर आजाद के तौर पर जीते थे।
प्रत्याशी बदलेंगे समीकरण : 2022 के आम चुनावों में कांग्रेस की ओर से बावा हरदीप सिंह कांग्रेस, लखविंद्र राणा भाजपा व केएल ठाकुर ने आजाद के तौर पर लड़ा था। अब केएल ठाकुर के भाजपा में आ जाने से यहां पर समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। भाजपा से केएल ठाकुर का प्रत्याशी बनना तय है। वहीं काग्रेस से टिकट की दौड़ में प्रदेश कांग्रेस महासचिव हरदीप सिंह बावा के साथ-साथ संयुक्त आयुक्त आबकारी उज्ज्वल सिंह राणा भी शामिल है। उज्ज्वल का परिवार चार दशक से कांग्रेस से जुड़ा है और उनका बेटा वर्तमान में युवा कांग्रेस सचिव है। वहीं पूर्व में भाजपा प्रत्याशी रहे लखविंद्र सिंह राणा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं और वह अभी भाजपा में प्रदेश प्रवक्ता हैं।
2011 का क्या था परिणाम : 2011 में हरिनारायण सिंह सैनी की मृत्यु के बाद यहां उपचुनाव हुआ था और उस समय राज्य में भाजपा की सरकार था, जिसमें स्वर्गीय सैनी की धर्मपत्नी गुरनाम कौर ने चुनाव लड़ा। कांग्रेस से लखविंद्र राणा मैदान में थे। करीबी मुकाबले में सत्तारुढ़ पार्टी की प्रत्याशी गुरनाम कौर लखविंद्र राणा से 1599 मतों से हार गई थी।