केस साबित करने को पुलिस को निकालना था सिर्फ रेवेन्यू विभाग से संबंधित रिकार्ड, उसी में लगे तीन वर्ष
चंडीगढ़। जिला अदालत ने गांव रायपुर खुर्द की कॉमन लैंड को बेचने से जुड़े मामले की जांच में निम्न स्तर की जांच करने पर पुलिस को फटकार लगाई है। सिविल जज जसप्रीत सिंह मिन्हास ने चंडीगढ़ के एसएसपी को आदेश दिए हैं कि मौली जागरां पुलिस थाने के एसएचओ को आदेश दें कि मामले से जुड़ी केस डायरी 17 नवंबर को पेश करें। क्योंकि पुलिस को सिर्फ रेवेन्यू विभाग से संबंधित रिकॉर्ड निकलवाना था ताकि केस को साबित कर सकें। लेकिन पुलिस को यह रिकॉर्ड निकालने में ही 3 साल से ज्यादा का समय लग गया। यह पुलिस की जांच पर शक पैदा करता है। शिकायतकर्ता ने मामले में पुलिस द्वारा चालान पेश न किए जाने पर केस के जांचकर्ता अफसर(आईओ) पर आरोपियों को बचाने के आरोप भी लगाए थे। बता दें कि गांव के पूर्व सरपंच जरनैल सिंह ने एडवोकेट मोहित सरीन के जरिए अदालत में एक अर्जी दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि तीन साल पहले मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी, मगर पुलिस केस में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। वहीं कोर्ट ने मामले में देरी से चालान पेश किए जाने पर भी आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि केस फाइल देखने के बाद पता लगता है कि एफआईआर में लगाए गए आरोपों के मुताबिक गांव की कॉमन लैंड कुछ आरोपियों को गैरकानूनी रूप से बेची गई थी।