प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के बीच किन्नर अखाड़े ने बड़ा एक्शन लिया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटाकर अखाड़े से बाहर कर दिया है।
इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर पद और अखाड़े से बाहर किया गया है. किन्नर अखाड़े को जल्द नया आचार्य महामंडलेश्वर मिलेगा ऋषि अजय दास ने कहा कि नए सिरे से अखाड़े का पुनर्गठन किया जाएगा। पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने कुछ दिन पहले ही प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में संन्यास का ऐलान किया था। ममता ने महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े में आचार्य महामंडलेश्वर डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की थी। इसके बाद ममता ने संगम पर पिंडदान की रस्म निभाई थी और उनका राज्याभिषेक किन्नर अखाड़े में हुआ था। महाकुंभ में संन्यास लेने के बाद ममता कुलकर्णी को एक नया आध्यात्मिक नाम ‘श्री यमई ममता नंद गिरि’ नाम दिया गया था। इसके साथ ही उन्हें किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त किया गया था।
महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद हुआ था विवाद : ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर काफी विवाद हुआ था। संत ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर लगातार विरोध जता रहे थे। बाबा रामदेव ने भी ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने के फैसले पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग जो कल तक सांसारिक सुखों में शामिल थे, एक ही दिन में संत बन गए, या महामंडलेश्वर जैसी उपाधि मिल गई है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने भी कहा था कि स्त्री को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाना सिद्धांतों के खिलाफ है।
संन्यास लेने के बाद क्या बोलीं ममता? एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में ममता कुलकर्णी ने कहा था, मेरे भारत छोड़ने का कारण अध्यात्म था। 1996 में, मेरा झुकाव आध्यात्म की ओर हुआ और उसी दौरान मेरी मुलाकात गुरु गगन गिरि महाराज से हुई। उनके आने के बाद अध्यात्म में मेरी रुचि बढ़ी और मेरी तपस्या शुरू हुई। हालांकि, मेरा मानना है कि बॉलीवुड ने मुझे शोहरत दी। मैंने बॉलीवुड को छोड़ दिया और साल 2000 से 2012 तक तपस्या जारी रखी।
उन्होंने बताया था, मैंने कई साल दुबई में बिताए, जहां मैं दो बेडरूम वाले फ्लैट में रहती थी और इन 12 सालों में मैंने ब्रह्मचर्य का पालन किया। ममता की आखिरी रिलीज फिल्म साल 2002 में आई ‘कभी तुम कभी हम’ थी। इसके बाद उन्होंने मनोरंजन जगत को छोड़ दिया था।