शंभू बॉर्डर पर जुटे किसानों के जत्थे ने रविवार को दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। किसानों को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिनकी वजह से कई किसान घायल हो गए।
इसके बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने मार्च को स्थगित कर दिया।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने संवाददाताओं से कहा, ‘आज हमने जत्था वापस लेने का फैसला किया है। पहले उन्होंने हम पर फूल बरसाए, जिनमें केमिकल थे। उसके बाद उन्होंने हम पर रबर की गोलियां चलाईं, केमिकल फेंके।’ उन्होंने आगे कहा, ‘कई किसान घायल हुए हैं, उनमें से एक को चंडीगढ़ पीजीआई ले जाया गया है।’
किसानों की आगे की रणनीति पर पंढेर ने कहा, ‘कल दोनों मंचों की बैठक होगी और आगे की रणनीति बनाई जाएगी।’ संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
बता दें, किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। किसान 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।