नई दिल्ली, 18 मार्च । कांग्रेस ने पंजाब से जुड़े मुद्दों को लेकर यहां के इंदिरा भवन स्थित पार्टी मुख्यालय में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक की। इस बैठक में पंजाब कांग्रेस प्रभारी एवं महासचिव भूपेश बघेल, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा तथा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि आज की बैठक में पंजाब कांग्रेस प्रभारी व महासचिव भूपेश बघेल के साथ पंजाब से जुड़े मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। 75 साल में पहली बार ऐसा हुआ है, जब पंजाब में शीतकालीन सत्र ही नहीं बुलाया गया। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी (आआपा) जब विपक्ष में थी तो उसके नेता कहते थे कि साल में विधानसभा के तीन सत्र होने चाहिए और प्रत्येक सत्र में 40 बैठकें जरूर हों। अब प्रदेश में आआपा राज में पिछले तीन साल से औसतन प्रत्येक विधानसभा सत्र में 10 दिन की बैठक हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल विपश्यना के नाम पर पंजाब में डेरा डाले हैं। पंजाब में केजरीवाल ने भगवंत मान को किनारे कर दिया है। ये पंजाब में कब्ज़ा करने को बैठे हैं और सारे ट्रांसफर खुद कर रहे हैं। वो यहां से राज्यसभा जाने की योजना बना रहे हैं। केजरीवाल पंजाब के उपचुनावों में लगे हुए हैं, ताकि संजीव अरोड़ा चुनाव जीतें और उनके लिए राज्यसभा की कुर्सी खाली हो। इसके बावजूद हमें पूरा भरोसा है कि पंजाब की जनता इन्हें रिजेक्ट करके वापस भेजेगी।
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि आज प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व में विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक को भूपेश बघेल ने संबोधित किया और सभी विधायकों ने चर्चा की। इस चर्चा के दौरान हमने उन मुद्दों पर बात की, जिन्हें पंजाब विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद उठाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह भी पंजाब के कांग्रेस नेताओं की दिल्ली में बैठक हुई थी। दरअसल, कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जिस तरह से केंद्रीय एजेंसियों और प्रदेश सरकार का दबाव बढ़ रहा है, उसको लेकर कांग्रेस हाईकमान एक बड़ी रणनीति भी बना रहा है। इन बैठकों के जरिए कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि किसी भी तरह से किसी भी एजेंसी या सरकार का कोई भी दबाव बर्दाश्त न किया जाए और पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़े, ताकि इन एजेंसियों को कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता मुंहतोड़ जवाब दे सकें।