पोसी के 32 उपकेंद्रों व 15 हेल्थ वेलनेस क्लीनिको, स्कूलों में जागरूकता सेमिनार
गढ़शंकर :विश्व कैंसर जागरूकता दिवस के अवसर पर आम आदमी क्लिनिक पोसी में सीनियर मेडिकल अधिकारी डॉ. रघबीर सिंह के नेतृत्व में ब्लॉक स्तरीय जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया. इसके अलावा 32 उपकेन्द्रों में एएनएमज, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता और 15 हैल्थ वेलनेस क्लीनिको में कमयूनिटी हैल्थ अधिकारियों ने लोगों को इस बारे में जागरूक किया।
जागरूकता गोष्ठी के दौरान डॉ. रघबीर सिंह ने कहा कि कैंसर जैसी घातक बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। पिछले साल की तरह इस साल भी विश्व कैंसर दिवस “क्लोज द केयर गैप” थीम पर मनाया जा रहा है। वैसे तो वर्तमान समय में चिकित्सा के क्षेत्र में काफी प्रगति हो चुकी है, जिससे कई प्रकार के कैंसर को समय पर इलाज से ठीक किया जा सकता है, लेकिन इसके बावजूद कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में एक बड़ी चिंता का विषय है। विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को कैंसर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों जैसे इसके प्रकार, कारण और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को इसके उन्मूलन की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। डाक्टर नवलदीप ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2010 में जहां कैंसर से मरने वालों की संख्या 82.9 लाख थी, वहीं 2019 में यह आंकड़ा 20.9 फीसदी बढ़कर एक करोड़ हो गया. वहीं अगर भारत की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के 20 फीसदी कैंसर मरीज भारत में हैं और इस बीमारी से हर साल करीब 75,000 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इन आँकड़ों से ही नहीं, कैंसर की गंभीरता का पता इस बात से भी चलता है कि विश्व स्तर पर मृत्यु के शीर्ष 10 कारणों में कैंसर की गिनती होती है। यदि सही समय पर रोग का निदान हो जाए तो अधिकांश कैंसर के मामले उचित उपचार से पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर दूसरी या तीसरी स्टेज में बीमारी का पता चल जाए तो इलाज में मुश्किलें आ सकती हैं। डाक्टर रमनदीप ने कहा कि सभी उम्र के लोगों में कैंसर के विकास के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन गतिहीन जीवन शैली, मोटापा और अनुवांशिक कारक इसके प्रमुख कारण हैं। उनका कहना है कि सभी कैंसर के लगभग 10% मामले अनुवांशिक होते हैं।जागरूकता और शिक्षा बढ़ानी चाहिए। इस भयानक बीमारी से हर साल 96 लाख लोगों की मौत होती है और 2030 में यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। उन्होंने इस भयानक बीमारी से बचाव के बारे में बताया कि हरी सब्जियां, अनाज आदि का सेवन करना चाहिए, अत्यधिक मोटापे से बचना चाहिए, सिगरेट, तंबाकू, शराब आदि का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। जिन परिवारों में इस भयानक बीमारी के मामले हैं वे अपने परिवार का विशेष ध्यान रखें।इस अवसर पर डॉ हरपुनीत कौर, केवल सिंह स्वास्थ्य निरीक्षक, नीलम रानी नेत्र रोग अधिकारी, एलएचवी जोगिंदर कौर, रेशम कौर स्टाफ नर्स, आशा कार्यकर्ता व ग्रामीण उपस्थित थे।