रक्तदान करना सीमाओं पर खड़े होकर पहरा देने के समान ही राष्ट्र की एक प्रत्यक्ष सेवा : गुरदेव सिंह
सलूणी कॉलेज में एनसीसी दिवस मनाया गया
एएम नाथ। सलूणी : राजकीय महाविद्यालय सलूणी की एनसीसी इकाई ने देशभक्ति के जज्बे और समाज सेवा के प्रति नई प्रतिबद्धता के साथ एनसीसी दिवस मनाया। एनसीसी प्रभारी श्री गुरुदेव सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका और मानवीय कार्यों के महत्व को रेखांकित करना था। इस आयोजन की शुरुआत एक भव्य शपथ ग्रहण समारोह के साथ हुई, जहाँ कैडेट्स ने जीवन बचाने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान करने की शपथ ली। यह शपथ एनसीसी के मूल मूल्यों – एकता, अनुशासन और निस्वार्थ सेवा को सुदृढ़ करती है।रक्तदान पर जागरूकता व्याख्यान दिन का मुख्य आकर्षण एनसीसी प्रभारी श्री गुरदेव सिंह द्वारा दिया गया विस्तृत जागरूकता व्याख्यान था। अपने संबोधन में, श्री सिंह ने विस्तार से बताया कि कैसे रक्तदान करना सीमाओं पर खड़े होकर पहरा देने के समान ही राष्ट्र की एक प्रत्यक्ष सेवा है।
श्री गुरदेव सिंह ने कहा, “जिस तरह एक सैनिक बाहरी खतरों से देश की रक्षा करता है, उसी तरह एक रक्तदाता चिकित्सा संकट के दौरान साथी नागरिकों की जान बचाता है।”भ्रांतियाँ और तथ्य” पर विस्तार से चर्चा करते हुए, व्याख्यान में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया। श्री सिंह ने इस आम भ्रांति को दूर किया कि रक्तदान से शारीरिक कमजोरी आती है या रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। उन्होंने जैविक प्रक्रिया को समझाते हुए बताया कि मानव शरीर 24 से 48 घंटों के भीतर दान किए गए रक्त की मात्रा की भरपाई कर लेता है, और कुछ ही हफ्तों में नई लाल रक्त कोशिकाएं बन जाती हैं, जिससे दाता अक्सर पहले से अधिक स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता है।”एक से तीन” का प्रभाव: कैडेट्स को शिक्षित किया गया कि ‘होल ब्लड’ की एक यूनिट को लाल रक्त कोशिकाओं, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स में अलग करके तीन अलग-अलग जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।स्वास्थ्य लाभ: व्याख्यान में यह भी बताया गया कि नियमित रक्तदान शरीर में आयरन के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है और दाता के लिए हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। कार्यक्रम का समापन ‘एनसीसी गान’ के साथ हुआ। कैडेट्स ने पूरे गर्व और सम्मान के साथ इसे गाया, जिससे वातावरण भाईचारे और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना से गूंज उठा।

कार्यक्रम के दौरान सहायक आचार्या श्रीमती पिंकी देवी, सहायक आचार्य श्री दिनेश कुमार तथा श्री शुभम डोगरा जी भी उपस्थित रहे।
