दिल्ली : रक्षा मंत्री ने सांप्रदायिक बंधनों से पार जाकर एक सैनिक व स्वतंत्रता सेनानी के ‘राष्ट्रीय गौरव’ के गुणों को आत्मसात करके देश के नागरिकों से राष्ट्र निर्माण में योगदान करने का आग्रह किया
सशस्त्र बलों को स्वदेशी अत्याधुनिक हथियारों से लैस करके सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है; राष्ट्र सभी खतरों से निपटने के लिए तैयार है: रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सांप्रदायिक बंधनों से पार जाकर प्रत्येक भारतीय सैनिक तथा स्वतंत्रता सेनानी में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले राष्ट्रीय गौरव एवं देशभक्ति के गुणों को आत्मसात करके देश के नागरिकों से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया है। रक्षा मंत्री 16 अक्टूबर, 2022 को एक गैर सरकारी संगठन ‘मारुति वीर जवान ट्रस्ट’ द्वारा आयोजित ‘शहीदों को सलाम’ कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के जवान क्षेत्र, धर्म, जाति और भाषा के बंधनों से ऊपर उठकर निस्वार्थ भाव से मातृभूमि की सेवा करते हैं और लोगों को विभिन्न खतरों से सुरक्षित रखते हैं। उसी तरह से हमारे क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे स्वाधीनता सेनानियों और बहादुर सैनिकों के आदर्शों एवं संकल्पों को आगे बढ़ाना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य है। श्री सिंह ने कहा कि देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों और सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए श्री सिंह ने कहा कि हमें एक मजबूत, समृद्ध और आत्मनिर्भर ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण में अपनी भूमिका निभानी है।
रक्षा मंत्री ने शहीदों के परिवार के सदस्यों की सहायता करने को राष्ट्रीय जिम्मेदारी करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों के परिजनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने परिवार को एक सैनिक की सबसे बड़ी ताकत और सपोर्ट सिस्टम बताया और कहा कि सरकार उस सपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। श्री सिंह ने बताया कि गृह मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, ‘भारत के वीर’ नाम का फंड शुरू किया गया। यह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के जवानों और कर्मियों के परिवारों की सहायता करने के उद्देश्य से लिए गए उनके प्रमुख निर्णयों में से एक था। श्री सिंह ने बताया कि हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने ‘मां भारती के सपूत’ वेबसाइट लॉन्च की है, ताकि लोग ‘सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष” में अधिक योगदान कर सकें।
श्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों को स्वदेशी अत्याधुनिक हथियारों/उपकरणों से लैस करके देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में जल्द ही पूर्ण ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए ‘मेड इन इंडिया’ युद्धपोत और अन्य उपकरणों को शामिल करना हमारे इस संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने बल देकर कहा कि सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और राष्ट्र सभी तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है जिसने कभी किसी देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की है, लेकिन अगर देश में शांति एवं सद्भाव को बिगाड़ने का कोई प्रयास किया जाता है, तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम का आयोजन सशस्त्र बलों के जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों की वीरता एवं बलिदान को सम्मानित करने के लिए किया गया था। मारुति वीर जवान ट्रस्ट के प्रतिनिधियों के साथ-साथ शहीद हुए वीरों के परिवार भी वर्चुअल माध्यम इस कार्यक्रम में शामिल हुए।