कोरोना को रोकने के लिए लगने जाने वाली वैक्सीन के कारण साइड इफेक्ट के बीच कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कई बातों का खुलासा किया है। कंपनी ने ब्रिटेन के हाई कोर्ट को सौंपे डॉक्यूमेंट में स्वीकार किया है कि वैक्सीन लेने के बाद थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम का खतरा रहता है।
टीटीएस क्या है : टीटीएस में ब्लड वेसल्स में थक्का जम जाता है और प्लेटलेट काउंट कम हो जाती है। हालांकि, यह बहुत कम मामलों में होता है। एंटी कोरोना वायरस वैक्सीन ने लोगों की जान बचाई है, लेकिन कम मामलों में दिमाग या अन्य ब्लड वेसल्स में थक्का जम जाता है।
टीटीएस के लक्षण :
- स्ट्रोक
- असामान्य रक्तस्राव (नाक से खून आना, मसूड़ों से खून आना, भारी मासिक धर्म)
- आपके मल या पेशाब में खून।
- स्किन में ब्लीडिंग का पता लगाएं जो बैंगनी-लाल दाने जैसा दिखता है।
- ऐसे कट के निशान जिनमें से खून बहता रहता है।
एस्ट्राजेनेका पर लगे क्या आरोप : एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उसकी वैक्सीन के कारण लोगों को मौतें हुई हैं। इस मामले में कंपनी पर ब्रिटेन में मुकदमा चल रहा है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ग्लोबल लेवल पर कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड से एंटी कोरोना वायरस वैक्सीन बनाती है। भारत में कोविशील्ड सीरम इंस्टीट्यूट बनाती है। ब्लड वेसल्स में थक्के जमने की खबरों के बीच सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने कोई फीडबैक नहीं दिया है। कंपनी पर मुकदमा जेमी स्काट ने किया था जिन्हें अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगवाने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ा था।
ब्रिटेन में नहीं दी जा रही है वैक्सीन : सुरक्षा के कारण ब्रिटेन में अब एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन नहीं दी जा रही है। पिछले साल डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उन लोगों में टीटीएस का असर दिखा जिन्हें एंटी कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई गई थी।