शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने फैसला लिया है कि कोरोना कॉल के दौरान जिन लोगों पर केस दर्ज किए गए हैं, वह सभी मामले वापस लिए जाएंगे। जिन पर महामारी से जुड़े विभिन्न नियमों और दिशा-निर्देशों की अवहेलना के दृष्टिगत केस दायर किए गए थे। उन लोगों को बड़ी राहत मिली है मुख्यमंत्री ने कहा कि मानवीय संवेदनाओं के साथ करुणा भाव शासन का अभिन्न अंग है। कोरोना महामारी से त्रस्त बहुत से लोगों पर नियमों के उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए थे। कुछ लोग रोजगार की तलाश में भटक रहे थे तो कुछ परिवार के लिए राशन और दवाई का इंतजाम करने के लिए बाजार का रुख कर रहे थे। महामारी ने सभी को मजबूर कर दिया था। सरकार का मानना है कि सामाजिक और पारिवारिक सरोकारों के निर्वहन में आपराधिक प्रवृत्ति नहीं होती। कोरोना काल में जिन लोगों ने विभिन्न नियमों व दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया वे साधारण लोग थे। उनके क्रिया-कलापों में आपराधिक प्रवृत्ति का बोध नहीं था।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऐसे लोगों को राहत देने के लिए ही प्रदेश सरकार ने कोरोना दिशा-निर्देशों की अवहेलना के लिए दर्ज मामले तुरंत प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया है। इससे इन लोगों को मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलेगी। वह अपने कार्य को ऊर्जा व दक्षता से करने में सक्षम होंगे। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह फैसला राजनीतिक नहीं, बल्कि उनका दायित्व होने के साथ-साथ मानवीय सरोकार से जुड़ा है। कोरोना काल के दौरान कोविड प्रोटोकॉल और कोविड नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सरकार ने मामले दर्ज करवाए थे। इसमें ज्यादातर मामले लोगों द्वारा बिना मास्क पहने हुए सार्वजनिक स्थानों पर जाने के थे।