चंडीगढ़ : पंजाब के भुलथ से कांग्रेस के किसान सैल के अध्यक्ष व विधायक सुखपाल सिंह खेहरा को सुबह पांच वजे चंडीगढ़ स्थित निवास से जलालाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था । पुलिस ने बताया कि उनके खिलाफ एक पुराना एनडीपीएस एक्ट का केस था, इस पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया है। हालांकि कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान उनके खिलाफ दुश्मनी निकाल रहे हैं। पुलिस ने सुखपाल सिंह खैरा को ग्रिफ्तार करने माननीय अदालत में पेश किया। जिसके बाद माननीय अदालत ने सुखपाल सिंह को दो दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया, हालांकि इस दौरान खैरा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर से जान का खतरा होने के आरोप लगाए।
अरेस्ट के दौरान पुलिस से हुई बहस : जलालाबाद पुलिस खैरा के चंडीगढ़ स्थित निवास स्थान पर पहुंची तो खैरा ने एतराज किया। उनका कहना था कि वह पहले उन्हें अरेस्ट वारंट दिखाएं उसके बाद ही उसे गिरफ्तार कर सकते हैं। इस बात पर पुलिस और खैरा के बीच बहसबाजी भी हुई। इस पूरे मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसके बाद खैरा ने कहा कि यह सारी कार्रवाई बदलाखोरी की है। वह किसी भी कीमत पर इस चीज को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिस वैन में चढ़ने से पहले खैरा को मुस्कुराते हुए देखा जा सकता है। उनके बेटे मेहताब खैरा ने कहा कि इस मामले में वह कोर्ट जाएंगे।
2015 के मामले में हुई गिरफ्तारी : सुखपाल खैरा पर जलालाबाद पुलिस की कार्रवाई 2015 फाजिल्का (पंजाब) ड्रग्स तस्करी मामले से संबंधित है, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों ने अंतरराष्ट्रीय तस्करों के एक गिरोह से 1,800 ग्राम हेरोइन, 24 सोने के बिस्कुट, दो हथियार, 26 कारतूस और दो पाकिस्तान सिम कार्ड जब्त किए थे. पंजाब पुलिस ने खैरा की गिरफ्तारी को इसी ड्रग्स मामले से जोड़ा है। खैरा पर आरोप है कि वह अपने पर्सनल सेक्रेटरी के फोन से तस्करों से बात किया करते थे । गिरफ्तार व्यक्तियों में कपूरथला के एक आरोपी की सिफारिश उस समय सुखपाल खैरा ने की थी। बाद में सुखपाल सिंह खैरा को भी केस में आरोपी बना दिया गया था। सूत्रों के अनुसार, खैरा ने सुप्रीम कोर्ट से यह केस जीत लिया था, हालांकि इस की पुष्टि नहीं हुई है।
खैरा आम आदमी पार्टी में भी रह चुके हैं : सुखपाल सिंह खैरा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. 2017 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे और विधानसभा का चुनाव भी जीता था। 2018 में पंजाब विधानसभा के विपक्ष के नेता के रूप में उन्हें अनौपचारिक रूप से हटाए जाने के बाद, उन्होंने आम आदमी पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी और जनवरी 2019 में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया उन्होंने अपना खुद का संगठन, पंजाबी एकता पार्टी बनाई, लेकिन बठिंडा सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में असफल रहे। जनवरी 2019 में वह फिर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. बीते विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे।
कांग्रेस के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल विधायक खैरा की गिरफ्तारी को लेकर राज्यपाल से मिला : पंजाब कांग्रेस के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल विधायक सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी के सिलसिले में पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मिलने उनके आवास पर पहुंचा। राज्यपाल से मुलाकात के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि सुबह साढ़े छह बजे सुखपाल सिंह के साथ जो घटना हुई है, उसके बारे में राज्यपाल को पूरी जानकारी दी है। यह भी जानकारी दी है कि कैसे इस घटना को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब जंगलराज बन चुका है। सुखपाल खैरा के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है।
बाजवा बोले-खैरा को निशाना बनाया : नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, ‘खैरा की गिरफ़्तारी अत्यंत निंदनीय है। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार अब तक के सबसे निचले स्तर पर गिर गई है और प्रतिशोध की राजनीति पर उतर आई है। सुखपाल सिंह खैरा मुखर रहे हैं और उन्होंने सीएम भगवंतमान की सरकार द्वारा किए गए गलत कार्यों और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई है। कानून के दायरे में पंजाब कांग्रेस उन्हें रिहा कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी जल्द इस मामले में संघर्ष का एलान करेगी उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा रोजाना सरकार के झूठ की पोल खोलते हैं इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया गया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ एरिया से पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ पुलिस को सूचित किए बिना सुखपाल सिंह खैरा को गिरफ्तार किया है ऐसे में पंजाब पुलिस पर चंडीगढ़ में किडनैपिंग का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
वडिंग ने सुखपाल खैरा के परिवार से मुलाकात भी की: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने इस गिरफ्तारी को लेकर पंजाब सरकार पर हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा जी की गिरफ्तारी में राजनीतिक प्रतिशोध की बू आती है, यह विपक्ष को डराने की कोशिश है और एक चाल है। पंजाब की आम आदमी पार्टी वाली सरकार मूल मुद्दों से ध्यान भटका रही है। हम सुखपाल खैरा के साथ मजबूती से खड़े हैं और इस लड़ाई को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएंगे’ अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने सुखपाल खैरा के परिवार से मुलाकात भी की है । राजा वडिंग ने कहा, ‘ऊपर भी और नीचे भी हर जगह एजेंसीज का इस्तेमाल विपक्ष के खिलाफ हो रहा है लेकिन जाको राखे साइयां मार सके ना कोई । इनको शर्म आनी चाहिए पंजाब पुलिस और पंजाब सरकार को शर्म आनी चाहिए। 8-9 साल बाद यह मामला सामने आया जब यह मामला दर्ज किया गया था तब अकाली दल की सरकार थी जिस मामले का कोई लेना नहीं देना नहीं उसे मामले में सुखपाल खैरा को गिरफ्तार किया गया है। हमें गिरफ्तारी का कोई डर नहीं है गठबंधन की जो बात है वह उसको लेकर दिल्ली शीर्ष नेतृत्व से बात हो चुकी है । राजा वडिंग ने कहा मैं परिवार से मिलने आया हूं लेकिन इसके बाद हम पंजाब कांग्रेस के जितने लीडर्स हैं मिलकर इस पर अगली रणनीति तैयार करेंगे ।
शिरोमणि अकाली दल ने गिरफ्तारी की निंदा की : शिरोमणि अकाली दल ने एक पोस्ट में लिखा, “राजनीतिक मतभेदों को एक तरफ रख दें। शिरोमणि अकाली दल अमृतसर भोलाथ के विधायक और भगवंत मान और आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के कट्टर आलोचक सम्मानित सुखपाल खैरा के खिलाफ साजिश और राजनीतिक प्रतिशोध के कारण हुई गिरफ्तारी की निंदा करता है।”