रवि ठाकुर के बीजेपी में आने से पूर्व मंत्री मार्कंडेय की अनदेखी पड़ सकती है भारी
एएम नाथ। कुल्लू : राजनीतिक उठा पठक से शीत मरूस्थल लाहुल-स्पीति के राजनीति में नई गर्माहट पैदा हो गई है। राजनीतिक माहौल गर्माने से भाजपा और कांग्रेस के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भी खलबली मच गई है। जैसे ही लाहुल-स्पीति के कांग्रेस विधायक रवि ठाकुर ने विधानसभा से निष्काशित होने के बाद भाजपा में शरण ली तो इसके बाद लाहुल-स्पीति की राजनीति में भूचाल आ गया है। यदि भाजपा हाईकमान ने पूर्व मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय को दरकिनार करने की कोशिश की तो यह भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है। पूर्व विधायक रवि ठाकुर जहां हर बार लाहुल-स्पीति के गांव-गांव में जाकर भाजपा की कड़ी निंदा करते थे।
आज उन्हीं को भाजपा ने भी शरण दे दी है। आखिर 40 सालों तक कांग्रेस को अपना परिवार मानने वाले रवि ठाकुर ने कांग्रेस सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए दूसरी पार्टी का दामन थाम लिया। इनके दामन से कहीं न कहीं डा. राम लाल मार्कंडेय की राजनीति में भी खलल डाल दिया है। रवि ठाकुर ने उपचुनाव में भाजपा से उन्हें टिकट मिलने की आस के साथ एंट्री की है, लेकिन उनकी एंट्री से लाहुल-स्पीति जिला के भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता व समर्थक खुश नहीं है। लाहुल-स्पीति भाजपा भाजपा को मार्कंडेय के अलावा दूसरा कोई भी प्रत्याशी मंजूर नहीं है।
टिकट नहीं, तो आजाद लडूंगा : भाजपा सरकार में दो बार विधायक एवं मंत्री रहे डा. राम लाल मार्कंडेय की माने तो उन्हें पूरा भरोसा है कि पार्टी उन्हें ही टिकट देगी। यदि पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह लाहुल-स्पीति की जनता के लिए आजाद प्रत्याशी के तौर पर भी चुनावी दंगल कुदेंगे।