सबसे पहले उन्होंने एक घंटा घंटाघर के बाहर गले में तख्ती और सेवादार के कपड़े पहनकर बरछा पकड़कर सेवादार की सेवा की। इसके बाद उन्होंने कीर्तन सुना। आखिर में जूठे बर्तनों की सेवा करने के बाद वह गोल्डन टेंपल से रवाना हो गए। शाम को वह दोबारा गोल्डन टेंपल आएंगे और जूतों की सेवा करेंगे। वहीं पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया और सुखदेव सिंह ढींढसा ने जूठे बर्तनों की सेवा की। इसके अलावा, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत सिंह रखड़ा, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, बिक्रम मजीठिया और महेश इंदर ग्रेवाल ने टॉयलेट साफ किया। सुखबीर बादल को भी टॉयलेट साफ करने की सजा सुनाई गई थी, लेकिन पैर में फ्रैक्चर होने के कारण उन्हें इससे छूट दे दी गई।
गले में तख्ती, हाथ में बरछा : पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल इस तरह काट रहे सजा
Dec 03, 2024
अमृतसर : पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल व शिरोमणि अकाली दल की सरकार के दौरान कैबिनेट में मंत्री रहे नेता मंगलवार को अकाल तख्त की सजा भुगतने के लिए श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) पहुंचे। सुखबीर बादल सुबह 9 बजे से 12 बजे तक गोल्डन टेंपल में रहे।
अकाल तख्त ने 2007 से 2017 तक पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और उसकी सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों’ का हवाला देते हुए उन्हें यह सजा सुनाई है। सुखबीर सिंह बादल को पैर में चोट लगी है. चोट के चलते 3 दिसंबर से 2 दिन के लिए वो श्री दरबार साहिब (गोल्डन टेंपल) के घंटाघर के बाहर वो ड्यूटी करेंगे।
सुखबीर बादल की सजा हुई शुरू : सुखबीर बादल के गले में जो इस समय तख्ती दिखाई दे रही है वो इस सजा के दौरान अकाल तख्त की ओर से पहनाई गई माफी की तख्ती है और साथ ही उनके हाथ में बरछा दिखाई दे रहा है।उनकी यह सजा शुरू हो गई है और वो यह सजा निभा रहे हैं। अगले दो दिनों तक वो यहां सजा भुगतेंगे।
सुखदेव सिंह ढींडसा भी सजा काटने के लिए पहुंचे: उन के भी गले में तख्ती और हाथ में बरछा नजर आया। उन्होंने सजा काटने को लेकर कहा, जो सेवा के लिए हुकूम हुआ है, वो तो मेरे लिए हुकूम है। परमात्मा का हुकूम है। अपनी सजा की बात करते हुए उन्होंने कहा, हम पहले गेट पर रुकेंगे उसके बाद लंगर की सेवा करेंगे। पहले वो दो दिन श्री दरबार साहिब में सेवादार की ड्यूटी करेंगे। इसके बाद वो 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, फिर 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, 2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में गले में तख्ती पहन और हाथ में बरछा लेकर सजा काटेंगे।
सजा में मिली छूट : सिर्फ सुखबीर सिंह बादल ही नहीं बल्कि 2007 से 2017 के दौरान शिअद कैबिनेट में मंत्री के रूप में काम करने वाले बाकी सिख नेताओं के लिए भी धार्मिक सजा का ऐलान किया गया है। हालांकि, सुखबीर सिंह बादल और सुखदेव सिंह ढींडसा को भी अकाली दल के बाकी नेताओं की तरह गुरुद्वारों के वॉशरूम धोने और लंगर हॉल के बर्तन साफ करने की सजा दी गई थी। लेकिन सुखबीर बादल के पैर में चोट लगे होने के चलते और सुखदेव सिंह ढींडसा का स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन दोनों की ही सजा में छूट दी गई और व्हील चेयर पर ही बैठकर सेवादार की ड्यूटी करने का आदेश दिया गया।
क्यों मिली सजा : श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से सुखबीर सिंह बादल को ये सजा उनके कई गुनाहों के चलते सुनाई गई है। उन पर सबसे बड़ा आरोप यह था कि उन्होंने साल 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ दर्ज मामले को वापस ले लिया था और इसे एक तरीके से राम रहीम को माफ करना समझा गया था। उन पर दूसरा आरोप यह लगा था कि उन्होंने वोट बैंक के लिए अपने पंथ यानी धर्म के साथ गद्दारी की. उन पर तीसरा आरोप ये था कि उनकी सरकार के दौरान बरगाड़ी बेअदबी मामले की सही तरह से जांच नहीं करवाई गई थी।