गुजरात। गुजरात में 1 दिसंबर से पहले चरण में 89 सीटों पर चुनाव होगा। इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है तथा अब 17 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और टिकट के लिए बगावती रुख भी सामने आने लगे हैं। पाटन के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राजुलबेन देसाई के नामांकन का विरोध किया है। भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि देसाई स्थानीय उम्मीदवार नहीं हैं। इसलिए उन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हंगामा गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर कांग्रेस में रार बढ़ती जा रही है। खड़िया-जमालपुर विधानसभा सीट से इमरान खेड़ावाला को फिर से नामित करने के लिए एक वरिष्ठ नेता पर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए एनएसयूआई और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भरत सिंह सोलंकी ने यह सीट 50 करोड़ रुपये में बेच दी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि चूंकि एआईएमआईएम ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को खड़ा किया है, अगर कांग्रेस भी एक मुस्लिम उम्मीदवार को नामांकित करती है, तो बीजेपी के हिंदू उम्मीदवार आसानी से चुने जाएंगे।
सियासी मैदान में बाप- बेटा आमने सामने
गुजरात में एक सीट ऐसी भी है, जहां बेटे के सामने चुनावी मैदान में बाप ने ही ताल ठोक दी है। दरअसल, गुजरात की झगड़िया विधानसभा सीट से भारतीय ट्राइबल पार्टी के उम्मीदवार व राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा के खिलाफ उनके पिता व पार्टी संस्थापक छोटूभाई वसावा ने नामांकन दाखिल किया है। वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं।