गैंगवार, नशे की तस्करी और मॉब लिंचिंग को सामान्य बात मानना शर्मनाक : जयराम ठाकुर

by

कर्मचारियों के लोकतांत्रिक विरोध को रोकना तानाशाही, बाज आए सरकार , हमारी सरकार ने पाँच साल में पाँच हज़ार लोगों को दी करुणामूलक नौकरियां

झूठ बोलने और मुद्दे से गुमराह करने में मुख्यमंत्री ने तोड़ डाले रिकॉर्ड

एएम नाथ। शिमला
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में मीडिया के प्रतिनिधियों बात करते हुए मुख्यमंत्री और सरकार की जमकर आलोचना की। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री प्रदेश में गैंगवार नशे की तस्करी और मॉब लिंचिंग को सामान्य घटना मान रहे हैं। इससे शर्मनाक बात कुछ नहीं हो सकती कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री कहते हो कि नशे के तस्करी, गैंगवार और मॉब लिंचिंग उनके लिए मायने नहीं रखती है। वह उल्टा सवाल उठाते हैं कि विपक्ष चिंता क्यों कर रहा है। प्रदेश माफ़ियाओं में मकड़जाल में जकड़ता जा रहा है और सरकार कह रही है कि विपक्ष चिंतित क्यों हैं? क्या सड़कों पर इंसाफ़ होगा? प्रदेश में नशे का इस तरह से कारोबार होगा? नशे के कारोबार को पूरी तरह से ख़त्म करने की हमारी प्रतिबद्धता है, हम उसके ख़िलाफ़ उठाए जा रहे कर कदम में सरकार के साथ मज़बूती के साथ खड़े हैं लेकिन न्याय क़ानून करेगा भीड़ नहीं। सरकार इस तरह माफिया को खुला नहीं छोड़ सकती है।
सचिवालय कर्मचारियों के ख़िलाफ़ सरकार अब कार्रवाई की धमकी देकर उन्हें ख़ामोश करना चाहती है। जनरल हाउस मीटिंग के ख़िलाफ़ नोटिस निकालना, कार्रवाई की धमकी देने की घटना आज तक नहीं हुई। क्या कर्मचारी लोकतांत्रिक तरीक़े से अपनी मांगे भी नहीं रख सकते? क्या वह अपने हक़ की आवाज़ नहीं उठा सकते हैं? सरकार किसी का लोकतांत्रिक हक़ नहीं छीन सकती है। सरकार इस तरह की तानाशाही से बाज आए और कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से विचार करे और उन्हें अमल में लाए। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने झूट बोलने की सारी सीमाएं लांघ दी है। सिर्फ़ झूठ के भरोसे सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को सिर्फ़ झूठ बोलकर सरकार चलाने और मुद्दों से गुमराह करने से बाज आने की नसीहत दी।
करुणामूलकों को नौकरी देने के मुख्यमंत्री के बयान पर जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि दो साल में 180 लोगों को नौकरियां दी गई? क्या यह पर्याप्त है? आर्थिक स्थिति का रोना रोने वाली सरकार उस परिवार के बारे में भी सोचे जिसके परिवार में कमाने वाले की मृत्यु हो गई है उसकी क्या हालत होगी। हमारी सरकार में पाँच हज़ार के लगभग करुणामूलकों को नौकरियां दी गई थी। इसके साथ ही हमने क़ानून में बदलाव किया कि नौकरी के अंतिम दिन भी अगर कर्मचारी की डेथ होती है तो भी आश्रित को करुणामूलक आधार पर नौकरी मिलेगी। पहले पचास साल की आयु के बाद करुणामूलक नौकरी नहीं मिलती थी। हमने आय सीमा में भी संशोधन किया जिससे करुणामूलकों की नौकरी की राह आसान हुई।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
हिमाचल प्रदेश

धर्मपुर में खोला जाएगा जिला स्तरीय ग्रामीण प्रशिक्षण रोजगार संस्थान – पंचायतों में विकास की गति के लिए नई कार्य योजना पर काम – अनिरुद्ध सिंह

धर्मपुर (मंडी), 4 जनवरी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार पंचायतों में विकास कार्यों को गति देने के लिए नई कार्ययोजना को लेकर काम कर रही है।...
article-image
समाचार , हिमाचल प्रदेश

विकास कार्यों में देरी ही भ्रष्टाचार की जड़ , प्रदेश में प्रत्येक विभाग का ‘परफॉर्मेंस इंडेक्स’ होगा तैयारः मुख्यमंत्री

राज्य स्तरीय ‘दिशा’ बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश शिमला : राज्य स्तरीय ‘दिशा’ बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभिन्न केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा की।...
article-image
हिमाचल प्रदेश

बजट में जनता के लिए कुछ नहीं – गारंटियों पर सरकार फेल : राजीव बिन्दल

रोहित जसवाल। शिमला, 17 मार्च । हिमाचल प्रदेश के वित्त वर्ष 2025-26 के बजट पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने इसे जनता के लिए शून्य...
article-image
पंजाब , हरियाणा , हिमाचल प्रदेश

शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए Supreme Court का आया ये नया आदेश

पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि शंभू बॉर्डर अभी नहीं खुलेगा। इस मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई हैं, जिसमें सुप्रीम...
Translate »
error: Content is protected !!