चंड़ीगढ़ ।
पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने गत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर अपनी ही सरकार में फसली अपशिष्ट की मशीनरी से संबंधित 1,178 करोड़ रुपये के घपले का पर्दाफाश किया। पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से सी.बी.आई. जांच की मांग भी की थी।
रणदीप सिंह नाभा ने दावा किया कि पराली जलाने को रोकने के लिए फसली अपशिष्ट प्रबंधन (सी.आर.एम.) स्कीम के तहत मशीनरी खरीदने के लिए चार सालों के दौरान 1,178 करोड़ रुपेय की केंद्रीय सबसिडी दी गई थी, पर कागडों पर दिखाई गई मशीनरी जमीन पर नहीं आई।
हाल ही में जंगल घोटाले के बाद प्रदेश के कृषि विभाग के लिए मुसीबत बढ़ गई है। इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने पिछले महीने मनी लाड्रिंग निरोधक कानून के तहत सबसिडी घोटाले की जांच शुरु करने के बाद विभाग से रिकार्ड मांगा था। इसके साथ ही 14 जून को कृषि डायरेक्टोरेट गुरविन्द्र सिंह को पत्र लिख कर इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने भी जानकारी न देने के लिए कृषि अधिकारियों की खिंचाई की गई थी।
स्कीम तथा फंड के बारे में जानकारी मांगी
गुरविन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने 8 नवम्बर 2021 को प्रत्येक जिले के लिए स्कीम तथा दिए गए फंडों के बारे में जानकारी मांगी थी पर उन्हें कोई डाटा नहीं दिया गया। इसके साथ ही इस मामले संबंधी कृषि वित्त आयुक्त से बातचीत करने के बाद भी कोई जानकारी नहीं दी गई।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में नाभा ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। फंड के दुरुपयोग के लिए ऊपर से लेकर नीचे तक के अधिकारी जिम्मेदार हैं। उनका कहना है कि बार-बार पत्र लिखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार ने 2018-19 से 2021-22 तक सी.आर.एम. स्कीम के तहत 1,178.47 करोड़ रुपये भेजे थे।
घोटाला 1178 करोड़ का : कांग्रेस के कार्याकाल में हुआ 1178 करोड़ का घपला पूर्व कृषि मंत्री ने किया खुलासा
Jun 23, 2022