चंडीगढ़: सैक्टर 26 स्थित सेविले बार एंड लाऊंज और डि’ऑरा क्लब के बाहर हुए बम ब्लास्ट के आरोपी अजीत और विनय को इस वारदात के लिए केवल 70,000 रुपए मिले थे। गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने यूएसए में बैठे अपने साथी रणदीप मलिक के जरिए उन्हें यह रकम भेजी थी।
ब्लास्ट के पीछे की वजह क्लब मालिकों द्वारा गोल्डी बराड़ की फिरौती कॉल्स को अनदेखा करना बताया जा रहा है। साजिश का मास्टरमाइंड रणदीप मलिक पिछले एक महीने से सिग्नल एप्प के जरिए इस प्लान को अंजाम देने में जुटा था।
रणदीप मलिक ने अजीत और विनय को नेपाल के रास्ते यूएसए बुलाने का लालच दिया था। दोनों का फर्जी पासपोर्ट तैयार कराने के लिए उनसे फोटो तक मंगवाई गई थी। वारदात से पहले अजीत ने रणदीप को वीडियो कॉल करके क्लब और बार की स्थिति दिखाई। रणदीप से निर्देश मिलने के बाद ही ब्लास्ट किए गए। आरोपियों ने करनाल बस स्टैंड के पास से बम उठाकर वारदात को अंजाम दिया।
ब्लास्ट के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने शहर के विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की। आरोपी मोहाली में कैमरे में कैद हो गए। पुलिस ने टोल प्लाजा से लेकर हरियाणा में उनकी एंट्री तक का पता लगाया। सैनी माजरा टोल प्लाजा पर बाइक छिपाने के बाद आरोपी हरियाणा रोडवेज की बस से बरवाला पहुंचे। वहां सोनू नामक युवक से लिफ्ट लेकर अपने गांव पहुंचे। पुलिस ने सोनू को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिससे आरोपियों की पहचान हुई।
जवाब देंफ़ॉरवर्ड करें |