चंड़ीगढ़ । लॉ अफसर को सीबीआई की विशेष अदालत ने पंजाब के रिश्वत लेने का दोषी करार देते हुए चार साल की कैद और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। लॉ अफसर मुनीष मित्तल ने यह रिश्वत जेल में 20 साल की सजा भुगत रहे कैदी की सजा कम करवाने के नाम पर ली थी।
सीबीआई ने आरोपी को सात हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। बता दें कि राजपुरा के रहने वाले शिकायतकर्ता अमरीक सिंह को 1996 में हत्या के एक मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी, जो फिलहाल नाभा के मॉडर्न जेल में सजा काट रहा था। शिकायतकर्ता उसे दी गई सजा में से 14 साल जेल में काट भी चुका था। इस दौरान उसे 14 से 29 अगस्त 2015 तक 15 दिनों की पेरोल मिल गई। इसके अलावा उसने एडीपीजी (जेल) को सजा कम करने के लिए भी आवेदन दे रखा था। उसकी फाइल चरित्र प्रमाणपत्र न होने से काफी समय से लंबित थी।
प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही सजा हो सकती थी कम : लॉ अफसर की तरफ से चरित्र प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही उसकी सजा कम हो सकती थी। इस काम के लिए लॉ अफसर मुनीष मित्तल ने उससे 7 हजार रुपये रिश्वत मांगी। इधर, अमरीक सिंह ने इस बारे में सीबीआई को शिकायत दे दी। सीबीआई ने सेक्टर-17 स्थित उसके ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया था।
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