एएम नाथ। शिमला । केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग पर अतिक्रमण को लेकर सख्त हो गई है, जो चीन शासित तिब्बत की सीमा के करीब के क्षेत्रों तक पहुंच गया है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव विनय कुमार ने इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र भेजा है।
इसे सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक को भी भेजा गया है। अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी राज्य के लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंताओं पर डालने को भी कहा गया है।
इसके लिए केवल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ही जिम्मेदार नहीं होगा। अतिक्रमण हटाने में केंद्र सरकार की सख्ती के बारे में भी राज्य सरकार की राय मांगी गई है। मंत्रालय ने एक मसौदा परिपत्र तैयार किया है। इस संबंध में राज्य सरकार से 15 दिन के भीतर सुझाव और आपत्तियां मांगी गई हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में भी एनएच पर अतिक्रमण: राज्य के मैदानी इलाकों में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पहाड़ी क्षेत्रों में भी अतिक्रमण हुआ है। कई स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग इतने संकरे हैं कि उन्हें एनएच कहना भी अतिशयोक्ति जैसा लगता है।
महीने में दो बार निरीक्षण
मुख्य सचिव को एक मसौदा परिपत्र भी भेजा गया है। इस संबंध में 15 दिनों के भीतर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। अन्य राज्यों से भी इसी प्रकार की आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। तदनुसार, राज्य सरकार में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, जिन्हें राष्ट्रीय राजमार्गों का प्रभार दिया गया है, सड़कों पर अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए उचित कदम उठाएंगे। स्पष्ट किया गया है कि अतिक्रमण हटाने के लिए अधिशासी अभियंता को माह में दो बार निरीक्षण के लिए भेजा जाए तथा रिपोर्ट भेजी जाए।
जिस व्यक्ति ने अतिक्रमण किया है, उसे अतिक्रमण हटाने की लागत का बिल दिया जाएगा। नये नियमों में इस व्यवस्था को और अधिक कठोर बनाया जाएगा। इसके लिए संबंधित अधिकारी ऐसे व्यक्ति को नोटिस भेजेगा। राज्य सरकार को एक मसौदा नोटिस भी भेजा गया है।