पटियाला। नशे के मामले में पुलिस जांच का सामना कर रहे पूर्व अकाली कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने पुलिस लाइन पटियाला में सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।
मजीठिया सोमवार सुबह 11 बजे पटियाला पहुंचे। एसआईटी ने एक बार फिर मजीठिया पर 2007 से पूर्व उनकी आय और 2007 से लेकर 2017 तक उनके सत्ता में रहने पर उनकी, उनके परिवार और उनकी कंपनियों के खाते में हुए लेनदेन संबंधी सवाल दागे।
एसआईटी आज नहीं बल्कि अब तक जितनी बार भी मजीठिया जांच के लिए पेश हो रहे हैं, उनमें उन्हें विदेशों से मिले 150 करोड़ रुपये और उनकी कंपनी के खाते में आए 194 करोड़ रुपये का हिसाब मांग रही है। सुप्रीम कोर्ट में मजीठिया की जमानत को खारिज करवाने के लिए भी जो एफिडेविट दिया गया था, उसमें भी इन सवालों को रखा गया था और आरोप लगाया कि मजीठिया उनके इन सवालों का जवाब देने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। एसआईटी की ओर से अभी केवल इस बात पर ही जोर दिया जा रहा है कि उनकी कंपनी में दो वर्षों में जो ‘एब्नार्मल ट्रांसेक्शन’ हुई है, उसका स्रोत क्या है? यही नहीं, एसआईटी इस बात की भी जानकारी चाहती है कि जो प्रापर्टी उन्होंने बनाई है, उसमें 89 करोड़ का कर्ज लिया गया दिखाया गया है जबकि प्रापर्टी की कीमत कहीं अधिक है।
शेष राशि के स्रोत बताने को कहा गया है। इसके अलावा मजीठिया से यह भी जानने की कोशिश की गई है कि 2007 में जब गैर-नवीनीकरण ऊर्जा विभाग के मंत्री थे तो उन्होंने चार अलग-अलग कंपनियां बनाईं। उनको बनाने का स्रोत भी पूछा गया है।
मजीठिया ने बाहर आ कर कहा सरकार द्वारा उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य किए पेश : मजीठिया ने पेशी के बाद बाहर आकर कहा कि सरकार द्वारा उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य पेश किए गए थे। इसके बाद उन्होंने अपना पक्ष भी अदालत में रखा है और सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि 17 व 18 मार्च को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम अपनी जांच पूरी करने के बाद अदालत में चालान पेश करे। उन्होंने कहा कि वह 2022 से लगातार अपना पक्ष रखने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के अधिकारियों के पास पेश होते रहे हैं।