शिमला। हिमाचल में मतदान के बाद निर्वाचन विभाग की ओर से ईवीएम मशीनें सुरक्षा के 3 घेरों के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखी गई है। प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में स्ट्रॉन्ग रूम बनाए गए हैं जहां पर संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के पोलिंग बूथ से ईवीएम हो डबल लॉक के बीच सुरक्षित रखा गया है। हर विधानसभा में करीब 50 जवान ईवीएम की सुरक्षा के लिए अपनी ड्यूटी देंगे। राज्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने बताया कि 25 दिनों तक ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में 3 टायर सुरक्षा में रखा जाएगा। ईवीएम की मशीनें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने फुल प्रूफ तरीके से स्ट्रॉन्ग रूम में डबल लॉक के अंदर रखी गई। ईवीएम की सुरक्षा के लिए स्ट्रॉन्ग रूम के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे के जरिए कड़े पहरे की व्यवस्था की गई है। स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर ईवीएम की सुरक्षा के लिए निर्वाचन विभाग ने जो 3 टायर सुरक्षा का पहरा लगाया है, उसमें तैनात जवान शिफ्ट में अपनी ड्यूटी देंगे। सबसे बाहर जिला की पुलिस के जवान तैनात रहेंगे, उससे अंदर दूसरी लेयर में स्टेट आर्मी पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। इसके अलावा सबसे अंदर और मुख्य द्वार पर सीएपीएफ के जवान तैनात हैं। यह सभी 24 घंटे ईवीएम की सुरक्षा के लिए अपना पहरा देंगे।
– ईवीएम की रक्षा पर खर्च होंगे 8 से 10 करोड़, स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर अपने एजेंट भी रख सकते हैं राजनीतिक दल
ईवीएम की सुरक्षा निर्वाचन विभाग के लिए आसान काम नहीं है। इसकी सुरक्षा पर विभाग को 8 से 10 करोड़ों के खर्च करने पड़ेंगे। ईवीएम की सुरक्षा के लिए प्रदेश में 68 स्ट्रॉन्ग रूम बनाए गए हैं। उसके बाहर सुरक्षा का कड़ा पहरा लगाया गया है। इसके अलावा सुरक्षा के कड़े पहरे के बीच भी अगर किसी राजनीतिक दल को ईवीएम की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का कोई संदेह हो तो वह स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर अपना एजेंट भी रख सकता है, ताकि वह ईवीएम की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त रहे।