गढ़शंकर : पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रौड़ी ने पंजाब में भूजल को बचाने के लिए राज्यसभा सदस्य संत सीचेवाल से गंभीर चर्चा की। इस मौके पर उनके साथ ओएसडी चरनजीत सिंह चन्नी भी मौजूद रहे। इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रौड़ी ने कहा कि पंजाब में भूजल को बचाने के लिए हुई चर्चा में आश्चर्य व्यक्त किया कि भूजल के सरकारी और गैर सरकारी आंकड़ों के अति चिंताजनक होने के बावजूद आवश्यक फसली चक्कर क्यों नहीं अपनाया जा रहा है। उन्होंने भूमिगत जल निकासी के कारण हर साल एक मीटर से अधिक जल स्तर में गिरावट को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि किसानों को नहरी पानी से सिंचाईकी ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के वादे के मुताबिक कंडी नहर में पानी छोड़ा गया है और किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए नालों की सफाई भी करवाई गई है। उन्होंने कहा कि सिंबली से जालंधर तक चिट्टी बेईं के पुनर्निर्माण का कार्य भी जल्द शुरू किया जा रहा है, जो भूजल को बचाने में काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि राज्यसभा सदस्य संत सीचेवल का पानी बचाने और शुद्ध करने का बहुत अनुभव है। उन्होंने कहा कि संत सीचेवाल मॉडल को हर गांव में अपनाया जाना चाहिए। इस मौके पर उन्होंने पंजाब के लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर हमने भूजल को बचाने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए तो 2039 तक पंजाब का भूजल खत्म होने की कगार पर पहुंच जाएगा।
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संत सीचेवाल से चर्चा करते डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रौड़ी व ओएसडी चरनजीत सिंह चन्नी।