गढ़शंकर, 6 नवंबर : डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने 6-7 नवंबर को फैसले की अधिसूचना की प्रतियां जलाने के आह्वान के तहत पंजाब यूनिवर्सिटी में पिछले साठ वर्षों से सीनेट और सिंडिकेट के माध्यम से चली आ रही व्यवस्था को तोड़ने और नियुक्तियों के माध्यम से प्रशासन अपने हाथ में लेने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। जिला इकाई होशियारपुर ने भाईचारा विद्यार्थी, किसान और मजदूर संगठनों के साथ मिलकर जिले के विभिन्न स्कूलों में प्रतियां जलाईं। इस संबंध में प्रेस को बयान देते हुए डीटीएफ के संयुक्त सचिव मुकेश कुमार, जिला अध्यक्ष सुखदेव डांसीवाल, कुमार गौरव और 4161 मास्टर कैडर यूनियन के नेता बलकार सिंह मघानिया ने कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीकरण और भगवाकरण के तहत राज्यों के अधिकारों को खत्म कर रही है, जिसके तहत अब सीनेट की संख्या नब्बे सदस्यों से घटाकर इकतीस सदस्य कर दी गई है, जिसमें अठारह निर्वाचित और छह मनोनीत और सात पदाधिकारी शामिल होंगे। इस तरह चुनावी प्रणाली के माध्यम से लंबे समय से चले आ रहे प्रशासनिक ढांचे को सीधे तौर पर खत्म कर दिया गया है और केंद्र ने अप्रत्यक्ष रूप से विश्वविद्यालय का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया है। जिसके खिलाफ पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्होंने जिले के विभिन्न स्कूलों के सामने अधिसूचना की प्रतियां जलाईं और प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ एकजुटता व्यक्त की। इस समय, शेरे पंजाब किसान यूनियन के नेता जसवंत सिंह भट्टल, सज्जन सिंह भट्टल, किर्ती किसान यूनियन के नेता कुलविंदर चाहल, अवतार सिंह तारी, पेंडू मजदूर यूनियन के नेता बगीचा सिंह सहूंगड़ा और डी.टी.एफ. नेता जसविंदर सिंह, मैडम गीतांजलि, मैडम जसप्रीत कौर, मैडम रूबी, कुलविंदर कौर, राकेश कुमार, जसवीर सिंह, राम सरूप ने कहा कि जब तक सीनेट को भंग करने की अधिसूचना वापस नहीं ली जाती, तब तक वे डटकर विरोध करेंगे।
