गढ़शंकर । कंडी क्षेत्र के जीवन से जुड़े उपन्यास ‘पथराट’ से लोकप्रिय हुए प्रख्यात साहित्यकार प्राचार्य डा. धर्मपाल साहिल का उपन्यास “मन्हे” फिर से चर्चा में है। यह सुंदर बहुआयामी उपन्यास आत्महत्या के बजाय फसल और नस्ल के लिए संघर्ष का संदेश देता है। यह विचार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्मार्ट स्कूल फतेहपुर खुर्द में प्रसिद्ध लेखक डॉ. साहिल के उपन्यास पर चर्चा दौरान विभिन्न लेखकों ने व्यक्त किए हैं। ‘मन्हे’ पर ‘ चर्चा दौरान निक्कियां क्रूम्बलां पत्रिका के संपादक बलजिंदर मान ने लेखक को इस आंचलिक कृति हेतु बधाई दी। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राचार्य विजय भट्टी ने डॉ. साहिल के जीवन और रचनात्मक दुनिया का परिचय दिया ।लेखक अमरीक सिंह दियाल द्वारा उपन्यास के बारे में प्रपत्र पढ़ते हुए डॉ. साहिल ने अपने लेखन के माध्यम से कंडी क्षेत्र की भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाजों, वनस्पतियों को चित्रित करने के अनूठे प्रयास की सराहना की। इस उपन्यास के पात्र चंचलो, कुंज कुमार, रोशनी आदि नारी पात्र आज के समाज के पथप्रदर्शक हैं। इस अवसर पर परिचर्चा में भाग लेते डाॅ. जगतार सिंह कोट फतुही और संगीतकार सुखदेव नडालो ने पंजाबी साहित्य में डॉ. साहिल के योगदान और उनके उपन्यास को वर्तमान युग का आईना बताया गया। इस समय डॉ. साहिल से सवाल पूछे गए। परिचर्चा दौरान सुखमन कलाकार, छात्र और स्टाफ सदस्य मौजूद थे। पवित्र कौर ने मंच संचालन बखूबी किया।