ढाई साल से हिमाचल में विकास ठप, बजट में घोषणाएं करके भूल जाते हैं मुख्यमंत्री : जयराम ठाकुर

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हर सेक्टर में सरकार ने बजट में कटौती की कैसे पूरे होंगे जनहित के काम
पहले और दूसरे बजट की घोषणाएं अभी भी शून्य से आगे नहीं बढ़ पाई

एएम नाथ। शिमला :  विधानसभा में बजट पर चर्चा के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है। इस बार का बजट भी पिछले दो बजट की तरह निराशा से भरा हुआ है। इस बजट में सरकार द्वारा कैपिटल एक्सपेंडिचर में भारी कटौती की गई है जिससे स्पष्ट है कि इस बार भी प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विकास के कार्य लगभग ना के बराबर होंगे। सबसे हैरानी की बात यह है कि सरकार की पिछले 2 बजट की सारी घोषणाएं अभी भी शून्य पर अटकी हुई है। सरकार ने विधानसभा के भीतर उन योजनाओं की घोषणा की और खुद भूल गई।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह प्रदेश के इतिहास का पहला बजट है जब सामान परिस्थितियों में न प्रदेश का बजट साइज बढ़ा है और न ही कैपिटल एक्सपेंडिचर। ऐसे में यह बजट प्रदेश की आशाओं और अपेक्षाओं पर कैसे खरा उतरेगा यह स्पष्ट नहीं है। इस बजट में अत्यंत महत्वपूर्ण सेवाओं के भी बजट में पिछले साल के मुकाबले काफी कटौती की गई है। सड़क, परिवहन, पर्यटन और नागरिक उड्डयन का बजट 2700 करोड रुपए से घटकर 1522 करोड रुपए कर दिया गया यह 43% से ज्यादा कटौती है। इसी तरह सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के बजट मैं एक तिहाई कटौती कीगई है। पेयजल आपूर्ति के बजट में 44% की कटौती की गई है। कृषि और अन्य गतिविधियों में 40%, सामान्य आर्थिक सेवाओं में 38 परसेंट, महिला एवं बाल विकास व पोषण में 33% वह अन्य मदों में 51% की कटौती की गई है। इतनी महत्वपूर्ण सेवाओं के बजट में आधा और एक तिहाई कटौती करके किस प्रकार से जनहितकारी योजनाओं का संचालन हो सकता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कमियां जब एक दो होती हैं तो गिनाई जा सकती हैं लेकिन यहां एक भी अच्छाई नहीं दिखाई देती हैं। जब पिछले बजट की तरफ देखते हैं तो मुख्यमंत्री की एक से बढ़कर एक झूठी घोषणाएं नजर आती हैं। जो पहले बजट में घोषणाएं की गई थी आज भी वैसे की वैसे पड़ी हुई है। घोषणा की और इसके बाद खुद ही भूल गई है। सुक्खू सरकार के तीनों बजट किसी झूठ के बुलंदी से ज्यादा कुछ नहीं लगता। पहले बजट में मुख्यमंत्री एवं एकल नारी आवास योजना की घोषणा की गई थी, योजना की प्रगति आज भी शून्य है। इसी तरह विदाउट छात्रों के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटी सब्सिडी की घोषणा गई थी आज तक कोई प्रगति नहीं हुई। इसी तरह मुख्यमंत्री सुरक्षित बचपन अभियान, बागवानी उत्कृष्ट केंद्र कुफरी के पास हसन घाटी में स्काईवॉक ब्रिज हिमाचल प्रदेश परिवर्तन प्रकोष्ठ और सतत विकास लक्ष्य समन्वय केंद्र जैसे लोकलुभावन बातें पहले बजट से ही की जा रही हैं। दुर्भाग्य यह है कि सुक्खू सरकार द्वारा बजट में लिए गए सभी वादे जमीन पर उतरने के बजाय बजट की किताब के बाहर निकल कर किसी सरकारी कागज में भी नहीं उतर पाए।
जयराम ठाकुर ने कहा की इसी तरह के वादे मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर भी किए गए थे। प्रदेश में अत्यधिक एमआरआई मशीन, पेट स्कैन, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की गई थी। लेकिन सरकार ने इस बार के बजट भाषण में हिमाचल प्रदेश के लोगों में संजीवनी की तरह जानी जाने वाली हिम केयर योजना का जिक्र तक नहीं किया। जिन झूठी गारंटियों के दम पर कांग्रेस सत्ता में आई थी सरकार ने उन गारंटियों को दफन कर दिया। अब उनके बारे में सरकार कोई बात ही नहीं करती है। मुख्यमंत्री ने कुल चार योजनाएं अपने और गांधी परिवार के नाम से शुरू की है इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, जिसके तहत सरकार ने मात्र डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत सरकार द्वारा मात्र 21 करोड़ 93 लख रुपए खर्च किए गए हैं। सुखाश्रय योजना के तहत सरकार द्वारा 11 करोड़ 35 लख रुपए खर्च किए गए हैं। राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत 2 करोड़ 91 लख रुपए खर्च हुए। सभी योजनाओं पर कुल मिलाकर 37 करोड़ 70 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं। सबसे हास्यास्पद बात यह है कि इन योजनाओं के प्रचार प्रसार पर ही सरकार ने इससे ज्यादा पैसे खर्च कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट हर लिहाज से प्रदेश और प्रदेशवासियों की हितों की रक्षा करने में सफल नहीं है। इसलिए वह इस बजट का समर्थन नहीं करते हैं।

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