एएम नाथ। शिमला : भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि ईमानदार अफसरों को बढ़ावा देना चाहिए। जब राजनेताओं का अफसरों से गठजोड़ हो जाता है तभी विमल नेगी जैसी घटनाएं होती हैं। ईमानदार अधिकारी आत्महत्या करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में तबादलों के लिए पैसे लिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू तो तबादले मंजूर कर रहे हैं, मंत्री धनीराम शांडिल उन निर्देशों को लागू करवा रहे हैं फिर तबादले करवाने को पैसा लेने वाली यह बीबी कौन है। सत्ती ने कहा कि संदिग्ध अधिकारियों के गांवों और उनके रिश्तेदारों की संपत्ति की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पेखूवेला और गुजरात में लगे सौर ऊर्जा संयंत्र में 100 करोड़ रुपये के अंतर की भी जांच होनी चाहिए।
भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि यह कहना बिल्कुल गलत है कि आर्थिक स्थिति के लिए पूर्व सरकार जिम्मेदार है। ऋण लेने का सिलसिला कई साल पुराना है लेकिन जब सरकार बदलती थी तो कोई रोना नहीं रोता था। वर्तमान सरकार इस पर लगातार रोना रो रही है। इसे अब बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी ने हिमाचल को औद्योगिक पैकेज दिया जिससे यहां निवेश बढ़ा। मोदी सरकार ने हिमाचल को कई बड़े प्रोजेक्ट दिए हैं। उन्होंने कहा कि बजट में जो घोषणाएं राज्य सरकार ने पिछले साल की थीं वे भी अधूरी हैं। वर्तमान बजट में भी कई ऐसी घोषणाएं हैं जोकि तर्कसंगत नहीं लगती हैं। स्वास्थ्य विभाग के लिए केंद्र सरकार से पैसा आ रहा है, जिससे मशीनरी खरीद रहे हैं लेकिन इन मशीनों को चलाने के लिए स्टाफ ही नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों से बांड भरवाना चाहिए ताकि वे यहीं पर सरकारी क्षेत्र में सेवाएं दें। सत्ती ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था भी खराब हो गई है।