एएम नाथ। शिमला : आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या में आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का समापन आज हुआ, जो क्लस्टर स्तर पर ABRSM के विस्तार और मजबूती पर केंद्रित थी। यह बैठक 15 जून को आरंभ हुई थी। समापन समारोह में स्कूल और उच्च शिक्षा क्षेत्रों के शिक्षकों ने भाग लिया और शिक्षण समुदाय द्वारा सामना की जाने वाली विभिन्न समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा की।
स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा क्षेत्रों के शिक्षकों ने वेतन विसंगतियों, सभी राज्यों में एनईपी 2020 के पूर्ण कार्यान्वयन, शिक्षकों की स्थानांतरण योजनाऔर राज्य स्तर पर शिक्षकों और प्रोफेसरों से संबंधित मुद्दों जैसी समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने केंद्रीय कार्यकारिणी से इन चिंताओं को केंद्र सरकार के स्तर पर उठाने का अनुरोध किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक शिक्षण प्रमुख और मुख्य वक्ता सुनील भाई मेहता ने कहां कि शिक्षक समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। मेहता ने ABRSM को क्लस्टर स्तर पर विस्तार और मजबूत करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “क्लस्टर स्तर पर कार्य के माध्यम से, हम यूनिट स्तर के कार्य, अर्थात् स्कूलों तक पहुंचने में सक्षम होंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हमें व्यापक योजना की आवश्यकता है जिसे हमें पूरे दिल से करना होगा।” उन्होंने सभी सदस्यों से पूरे मन से और परिणामोन्मुख होकर काम करने का आग्रह किया।
बैठक के दौरान, शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए और विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। चर्चा में शिक्षण समुदाय की विभिन्न सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर महत्वपूर्ण भूमिका को भी शामिल किया गया। इसके अलावा, शिक्षकों ने संगठनात्मक मामलों की भी समीक्षा की और क्लस्टर और स्कूल स्तर पर ABRSM को मजबूत करने के उपायों का प्रस्ताव दिया।
बैठक में “विद्यालय मेरा तीर्थ” पहल पर विशेष रूप से चर्चा की गई, जिसका उद्देश्य विद्यालयों को छात्रों, शिक्षकों और समाज के लिए ऊर्जा के स्रोत के रूप में बदलना है। इस पहल का उद्देश्य शैक्षिक वातावरण को बेहतर बनाना है, जिससे यह सामुदायिक विकास और छात्र सशक्तिकरण का केंद्र बिंदु बन सके।
महेंद्र कुमार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, ने समापन समारोह की अध्यक्षता की। राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने संगठनात्मक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों से शिक्षण समुदाय और राष्ट्र की भलाई के लिए सतर्क और सक्रिय रहने का आग्रह किया।