समूरकलां व डोहगी में आज 410 लाभार्थियों को इंडक्शन हीटर व 345 को साईकलें वितरित
ऊना, 21 फरवरी – भवन निर्माण एवं संनिर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से गत तीन वर्षोें के दौरान जिला ऊना के 14887 कामगारों को 10 करोड ़36 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। यह जानकारी ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री ने आज समूरकलां तथा डोहगी में कामगारों को साईकलें व इंडक्शन हीटर वितरित करने के उपरांत जनसभा को संबोधित करते हुए दी। इस दौरान मनरेगा के तहत 90 कार्यदिवस पूर्ण कर चुके पंजीकृत कामगारों को 410 इंडक्शन हीटर व 345 साईकलें वितरित की गईं। समूरकलां में 206 लाभार्थियों को इंडक्शन हीटर व 176 को साईकलें जबकि डोहगी में 204 को इंडक्शन हीटर व 169 साईकलें प्रदान की गईं।
वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि वर्तमान सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल के दौरान भवन निर्माण एवं संनिर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से जिला ऊना में 3284 कामगारों को बच्चों की शिक्षा हेतु 3 करोड़ 60 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। इसी अवधि में 561 परिवारों को बच्चों के विवाह के लिए 2.12 करोड़, 23 परिवारों को माता व पिता बनने पर मातृत्व पितृत्व लाभ के तौर पर 5.77 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई। जबकि 71 कामगारों को उपचार हेतु 7.41 लाख रुपये की राशि चिकित्सा सहायता के रुप में प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त किसी कामगार के घायल होने पर या मृत्यु व अंतिम संस्कार करने के लिए 20 कामगारों को 25.20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इन्हीें तीन वर्षों में 3321 कामगारों को 56.87 लाख रुपये की राशि के सोलर लेंप, 65.79 लाख रुपये की राशि के 4379 इंडक्शन हीटर, 2936 महिला कामगारों को 29.45 लाख के साईकलें तथा 292 महिला कामगारों को 2.34 करोड़ रुपये की वाशिंग मशीनें उपलब्ध करवाई गई।
पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार हर वर्ग के लोगों के उत्थान व मदद के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब विकास कार्य थम गए और काम-धंघे बंद थे, उस समय प्रदेश सरकार द्वारा कामगारों की मदद के लिए भी भरसक प्रयास किए गए। उन्होंने बताया कि इस दौरान श्रमिकों को दो बार दो-दो हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई जिस पर जिला ऊना में 5 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई। इसके अतिरिक्त किसानों के लिए भी प्रति कृषक 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई गई। उन्होंने श्रमिकों का आहवान किया कि वे भवन निर्माण एवं संनिर्माण कल्याण बोर्ड के तहत अपना पंजीकरण करवाकर बोर्ड द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं का लाभ लें।
इस दौरान श्रम अधिकारी प्रेम सिंह चंब्याल ने बोर्ड द्वारा कामगारों के कल्याणार्थ चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि बोर्ड के पंजीकृत कामगारों को आउटडोर उपचार हेतु एक लाख, इंडोर उपचार हेतु दो लाख जबकि गंभीर मामलों में उपचार के लिए 5 लाख रुपये तक चिकित्सा सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि कामगारों के मेधावी छात्रों के लिए दो बच्चों तक 75 प्रतिशत अंकों के साथ 10वीं करने पर 25 हजार रुपये, 75 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं करने पर 35 हजार रुपये और 60 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक करने पर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा कामगारों के बच्चों की शिक्षा के लिए भी आर्थिक मदद की जाती है। उन्होंने बताया कि पहली से 8वीं की शिक्षा के लिए 5 हजार रुपये, 9वीं से 12वीं के लिए 8 हजार रुपये, स्नातक के लिए 12 हजार रुपये जबकि स्नातकोत्तर तथा डिप्लोमा के लिए 17-17 हजार रुपये और व्यावसायिक पाठ्यक्रम तथा पीएचडी के लिए 27-27 हजार रुपये की आर्थिक मदद की जाती है। महिला कामगार को बच्चों की शिक्षा के लिए पहली से 8वीं के लिए 8 हजार रुपये, 9वीं से 12वीं के लिए 11 हजार रुपये, स्नातक के लिए 16 हजार रुपये जबकि स्नातकोत्तर तथा डिप्लोमा के लिए 21-21 हजार रुपये और व्यावसायिक पाठ्यक्रम तथा पीएचडी के लिए 36-36 हजार रुपये की आर्थिक मदद का प्रावधान है।
इस मौके पर वीरेन्द्र कंवर ने लोगों की समस्याएं भी सुनीं और संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिला परिषद उपाध्यक्ष कृष्णपाल, जिला भाजपाध्यक्ष मनोहर लाल शर्मा, हिमफैड के निदेशक एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चरणजीत शर्मा, एससी मोर्चा के जिलाध्यक्ष सूरम सिंह, मुच्छाली के प्रधान एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विजय शर्मा, मुच्छाली के उप प्रधान अजय कुमार, करमाली के उप प्रधान शमशेर सिंह ठाकुर और जिला रोजगार अधिकारी अनीता गौतम सहित अन्य उपस्थित रहे।