दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद अरविंद केजरीवाल एक और बात को लेकर परेशान हैं। अब दिल्ली नगर निगम में भी आप की सत्ता खतरे में पड़ गई है।
शनिवार को तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के बाद आप और भाजपा के पार्षदों की संख्या बराबर हो गई है। जल्द ही 11 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिसके नतीजे तय करेंगे कि एमसीडी में आप सत्ता में रहेगी या दिल्ली में भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार बनेगी।
11 सीटों पर उपचुनाव..
शनिवार को आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए। एंड्रयूज गंज से पार्षद अनीता बसोया, हरि नगर से निखिल चपराना और आरके पुरम से धर्मवीर सिंह भाजपा में शामिल हो गए। इस दलबदल के बाद 250 सदस्यीय सदन में आप के 116 पार्षद रह गए हैं, जबकि भाजपा पार्षदों की संख्या 116 हो गई है। दोनों की संख्या अब बराबर हो गई है। अगर उपचुनाव के नतीजे आप के पक्ष में नहीं जाते हैं या कुछ और पार्षद भाजपा में चले जाते हैं तो अरविंद केजरीवाल एमसीडी हार सकते हैं या उन्हें कांग्रेस के सहारे की जरूरत पड़ेगी। 11 सीटों पर उपचुनाव होंगे द्वारका बी वार्ड से भाजपा पार्षद कमलजीत सहरावत पश्चिमी दिल्ली से सांसद बन गई हैं। उनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से यह पद खाली है। अब 17 पार्षदों ने विधानसभा चुनाव भी लड़ा। इनमें से सात भाजपा और तीन आप पार्षद विधायक बन गए हैं। इस हिसाब से कुल 11 सीटें खाली हो गई हैं।
एमसीडी में मौजूदा समीकरण को देखें तो यह उपचुनाव अब काफी दिलचस्प हो गया है। दिसंबर 2022 में हुए एमसीडी चुनाव में आप ने 15 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा को हराया था। तब आप ने 134 और भाजपा ने 104 सीटें जीती थीं। कांग्रेस 9 वार्डों में जीत हासिल कर पाई थी। आप के कई पार्षद धीरे-धीरे टूटकर भाजपा में चले गए हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आप पार्षदों को शामिल कराने के बाद एमसीडी में सरकार बनाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा, ‘बार-बार सवाल उठ रहा था कि दिल्ली को डबल इंजन की सरकार चाहिए, अब कहा जा रहा है कि ट्रिपल इंजन की सरकार चाहिए। हम सबको मिलकर एक सुंदर दिल्ली बनानी है, एक ऐसी दिल्ली जिस पर सभी को गर्व हो।