कवि दरबार में कवियों ने रंग जमाया-
गढ़शंकर, 30 मार्च: दोआबा क्षेत्र में साहित्यिक सरगर्मियों के लिए सरगर्म दोआबा साहित्य सभा गढ़शंकर द्वारा अपना वार्षिक साहित्यिक सम्मान समारोह तथा कवि दरबार सभा के अध्यक्ष प्रिंसिपल डॉ. बिक्कर सिंह के नेतृत्व में स्थानीय बब्बर अकाली मेमोरियल खालसा कालेज गढ़शंकर में करवाया गया। इस समागम में दोआबा क्षेत्र में सरगर्म सभाओं में पंजाब साहित्य सभा नवांशहर, दर्पण साहित्य सभा सैला खुर्द तथा पंजाबी साहित्य सभा माहिलपुर के सदस्यों व इलाके भर के कवियों तथा साहित्य प्रेमियों ने शिरकत की। समागम की शुरुआत कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अमनदीप कौर हीरा द्वारा शमा रोशन करके की गई। सभा के अध्यक्ष डॉ बिक्कर सिंह ने आए मेहमानों तथा कवियों का स्वागत किया तथा सभा की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। प्रधानगी मंडल में प्रोफेसर संधू वरियाणवी महासचिव केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा (सेखों), प्रिंसिपल बिक्कर सिंह अध्यक्ष दोआबा साहित्य सभा गढ़शंकर, रेशम चित्रकार अध्यक्ष दर्पण सहायता सभा सैला खुर्द, प्रिंसिपल गुरजंट सिंह उपाध्यक्ष केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा तथा प्रिंसिपल अमनदीप कौर शामिल हुए। समागम दौरान सरदार संतोष सिंह वीर जी द्वारा रचित “गुरसिक्खी की एह निशाणी” भाग 27 तथा भाग 28 को लोकअर्पित किया गया। सरवण सिद्धू द्वारा रचित गजल संग्रह “मेरी साधना” तथा पवन भंमियां द्वारा रचित पुस्तक “गदर लहर तथा बब्बर लहर की दास्तान” का विमोचन किया। । सभा द्वारा पंजाबी साहित्य में डाले वहुमूल्य योगदान के लिए हर साल दिए जाने वाले पुरस्कार सरदार मेजर सिंह मौजी यादगारी पुरस्कार केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा (सेखों) के महासचिव प्रोफेसर संधू वरियाणवी, प्रिंसिपल सुजान सिंह यादगारी पुरस्कार विख्यात गलपकार प्रोफेसर बलवीर कौर रीहल, उस्ताद उल्फत बाजवा यादगारी पुरस्कार सतपाल साहलों तथा स्थानीय साहित्य सभा के सदस्यों में उत्साहित विशेष सम्मान सभा के सीनियर सदस्य तारा सिंह चेड़ा को प्रदान किया गया। समागम दौरान सभा के सदस्य प्रोफेसर जे.बी.सेखों को भाषा विभाग पंजाब द्वारा प्रिंसिपल तेजा सिंह पुरस्कार मिलने पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
कवि दरबार में संधू हरियाणवी, रणवीर बब्बर, पवन भंमियां, संतोष सिंह वीर जी, मास्टर हंसराज, सोहन सिंह सूनी, देशराज बाली, सतपाल साहलों, तारा सिंह चेड़ा, कृष्ण गढ़शंकरी, सरवन सिद्धू, प्रोफेसर जेबी सेखों, जगदीश राणा, प्रिंसिपल गुरजंट सिंह, तरसेम साकी, रनजीत पोसी, श्याम सुंदर, साबी पक्खोवाल, अवतार सिंह पक्खोवाल, रणवीर बब्बर आदि ने अपनी कविताएं पेश कर रंग जमा दिया।
इस मौके जोगा सिंह नंबरदार, अमनदीप कौर हीरा प्रिंसिपल, जय राव माहिलपुर, जगदीश राणा जालंधर, सुचा राम जाडला, रमेश बेधड़क, डॉ बलबीर कौर रीहल, गुरदीप सिंह, तरसेम भंमियां, बहादुर सिंह कमल, मेजर सिंह, रेशम चित्रकार, जीवन सिंह, प्रोफेसर सुखदेव सिंह, डॉक्टर मनोज फगवाड़वी, जसवीर बेगमपुरी, जोगा सिंह, तर्कशील सोसाइटी पंजाब से डॉक्टर जोगिंदर कुल्लेवाल, हरदीप कुमार, रमेश कुमार, तरसेम साकी, परमिंदर सिंह नवांशहर, डीटीएफ नेता मुकेश कुमार तथा अन्य श्रोता शामिल हुए। इस कवि दरबार का मंच संचालन संतोख सिंह वीर जी तथा पवन कुमार भंमियां ने किया। कार्यक्रम के अंत में प्रोफेसर संधू वरियाणवी द्वारा हाजिर कवियों तथा श्रोताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं से किये जा रहे वितकरे को बंद किया जाए।