गढ़शंकर, 21 जुलाई : दोआबा साहित्य सभा रजिस्टर्ड गढ़शंकर द्वारा विभिन्न जत्थेबंदियों के सहयोग से गदरी जोद्धा बीबी गुलाब कौर की शहादत शताब्दी को समर्पित एक समागम करवाया गया जिसमें गढ़शंकर तहसील में सरगर्म विभिन्न सार्वजनिक, जमहूरी तथा मुलाजिम जत्थेबंदियों के सरगर्म सदस्यों द्वारा भाग लिया गया। समागम की शुरुआत में सभा के संरक्षक संतोख वीर जी द्वारा पहुंचे हाजरीन का स्वागत किया गया।
इस मौके समागम को संबोधित करते केंद्रीय लेखक सभा (सेखों) के महासचिव प्रोफेसर संधू वरियाणवी ने कहा कि गदर लहर भारत की एकाएक लहर थी जिसका मकसद देश को आजाद करवा कर धर्मनिरपेक्ष समानता तथा बराबरता का समाज सृजना था। इस लहर में बीबी गुलाब कौर ने इतिहासिक काम करते बेमिसाल त्याग की भावना पेश करते अपना पूरा जीवन देश की आजादी के लिए लगा दिया और उनकी इस कुर्बानी को कभी बुलाया नहीं जा सकता।
इस मौके विभिन्न वक्ताओं में दर्शन सिंह मट्टू, कुलभूषण महेंद्रवणी, मुकेश कुमार, सुखदेव डांसीवाल, तलविंदर हीर, डॉ जोगिंदर कुल्लेवाल, बीबी सुभाष मट्टू, सरूप चंद, अमरीक हमराज ने भी बीबी गुलाब कौर के संघर्ष में जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा कि मौजूदा समाज को उनके संघर्षमयी जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस मौके हंसराज गढ़शंकर, जसवीर बेगमपुरी, मनदीप कुमार, मनजीत बंगा, चीफ मैनेजर हरदेव राय, अमरजीत सिंह कुल्लेवाल, जोगिंदर सिंह थांदी, जसविंदर सिंह जस्सोवाल, इकबाल सिंह, सरपंच हैप्पी साधोवाल, सरपंच राजेंद्र सिंह ऐमा जट्टां, बलवंत राम, राम जी दास चौहान, बलबीर खानपुर, भूपेंद्र सिंह, सुरेंद्र कुमार, मेजर सिंह, सीमा रानी आदि ने भी विचार विमर्श में भाग लिया।
समागम में अमेरिका की शह पर इजरायल द्वारा गाजा में की जा रही नसलकुशी के खिलाफ मता पास करते गाजा समेत पूरे फलस्तीन का इलाका खाली करने तथा फलस्तीन देश को आजाद करने का मता पास किया। समागम के अंत में दोआबा साहित्य सभा के अध्यक्ष प्रिंसिपल डॉक्टर बिक्कर सिंह ने समागम में पहुंचे विभिन्न संघर्षशील जत्थेबंदियों के सब नेताओं, सदस्यों तथा श्रोताओं का धन्यवाद करते भविष्य में भी सहयोग देने की अपील की।