गढ़शंकर : दोआबा क्षेत्र में साहित्यिक गतिविधियों के लिए सक्रिय दोआबा साहित्य सभा गढ़शंकर ने अपना वार्षिक साहित्यिक सम्मान समारोह एवं कवि दरबार सभा के अध्यक्ष प्रिंसिपल डॉ. बिकर सिंह के नेतृत्व में स्थानीय बब्बर अकाली मेमोरियल खालसा कॉलेज में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में दोआबा भर से सक्रिय साहित्यिक संस्थाओं पंजाब साहित्य सभा नवांशहर, दर्पण साहित्य सभा सेला खुर्द और पंजाबी साहित्य सभा माहिलपुर के सदस्यों, क्षेत्र भर से कवियों और साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया। समागम की शुरुआत सभा के अध्यक्ष प्रिंसिपल बिक्कर सिंह द्वारा ज्योति प्रज्वलित कर की गई तथा आने वाले मेहमानों व कवियों का स्वागत किया। प्रधानगी मंडल में प्रोफेसर संधू वरियानवी महासचिव केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा सेखों, प्रधान बिक्कर सिंह अध्यक्ष दोआबा साहित्य सभा रजिस्टर्ड गढ़शंकर, रेशम चित्रकार अध्यक्ष दर्पण साहित्य सभा सेला खुर्द, प्रधान गुरजंत सिंह सचिव केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा सेखों शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान संतोख सिंह वीर जी द्वारा रचित गुरसिखी दी एह निशानी भाग 25 और भाग 26 को लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अमरीक सिंह हमराज़ जी द्वारा रचित निबंध संग्रह गूंगा साज़ का लोकार्पण किया गया। सभा द्वारा पंजाबी साहित्य में डाले जाने वाले बहुमूल्य योगदान के लिए हर वर्ष दिए जाने वाले पुरस्कार सरदार मेजर सिंह मौजी मेमोरियल अवार्ड श्री गुरदीप सिंह मुकद्दम जी को, सुजान सिंह मेमोरियल अवार्ड प्रख्यात उपन्यासकार डॉ. मीत खटरा जी को, उस्ताद उल्फत बाजवा मेमोरियल अवार्ड श्री जगदीश राणा जी को, सभा द्वारा तथा स्थानीय साहित्य सभा के सदस्यों में सभा के वरिष्ठ सदस्य एवं संरक्षक सरदार संतोख सिंह वीरजी को विशेष सम्मान दिया गया। कवि दरबार में जोगा सिंह भंमियां, ओम प्रकाश जख्मी, रणवीर बब्बर, हंसराज, विजय भट्टी, पवन भंमियां, संतोख सिंह वीरजी, सोहन सिंह सूनी, देशराज बाली, सतपाल सलोह, तारा सिंह चेड़ा6 कृष्णा गढ़शंकरी, सरवन सिद्धु, तरणजीत गोगों, बनारसी रत्तेवाल, अमरीक हमराज, मलकीत खटरा, जगदीश राणा, गुरदीप सिंह मुकद्दम, पवन भम्मियां, जोगिंदर कुल्लेवाल, दर्शन मट्टू, प्रिंसिपल गुरजंट सिंह, तरसेम साकी, रणजीत पोसी, शाम सुंदर, साबी पक्खोवाल, अवतार सिंह पक्खोवाल, जसवीर बेगमपुरी, मैनेजर भजन सिंह, प्रमुख प्रबंधक हरदेव राय, सेवानिवृत्त तहसीलदार हरिलाल नफरी, संधू वरियानवी बलजिंदर मान शामिल हुए। इस कवि दरबार का मंच संचालन संतोख सिंह वीरजी और पवन कुमार भम्मियां ने किया।
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समागम दौरान पुस्तक का विमोचन करते साहित्यिक सभाओं के पदाधिकारी।