ग्वालियर : ग्वालियर से लापता हुईं बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की दो लेडी कॉन्स्टेबल पश्चिम बंगाल में मिल गई हैं। 36 दिन बाद पुलिस ने दोनों को मुर्शिदाबाद बॉर्डर पर पकड़ा। BSF के अधिकारी दोनों से पूछताछ कर रहे हैं। दोनों अपनी मर्जी से एक साथ जाना बता रही हैं। बता दें कि आखिरी बार दोनों लेडी कॉन्स्टेबल को 6 जून 2024 को देखा गया था। टेकनपुर छावनी से लापता हुईं लेडी कॉन्स्टेबल आकांक्षा निखर जबलपुर और शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली हैं। BSF ने बिलौआ थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
जानें पूरा मामला : जबलपुर के जोगी मोहल्ला की रहने वाली आकांक्षा निखर (30) BSF के सहायक ट्रेनिंग सेंटर में बतौर प्रशिक्षक पदस्थ थी। दिसंबर 2023 में उसकी रूम पार्टनर 15 दिन की छुट्टी पर गई थी। इसी बीच पश्चिम बंगाल से शहाना खातून ने खुद को BSF टेकनपुर में अटैच कराया था। आकांक्षा का रूम खाली होने पर शहाना को उसके साथ रुकने दिया। यहीं से दोनों में दोस्ती हो गई। छह जून को दोनों ग्वालियर के टेकनपुर स्थित सीमा सुरक्षा बल से लापता हो गईं।
शाहाना पर बेटी को गायब करने का आरोप : शहाना के परिजन ने मुर्शिदाबाद थाने में भी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। आकांक्षा की मां उर्मिला निखार ने 2 जुलाई को ग्वालियर SP से गुहार लगाई थी। उर्मिला ने शाहाना खातून पर अपनी बेटी को गायब करने का आरोप लगाया था। उर्मिला ने बताया था कि 13 जून को अपने बेटे को लेकर मुर्शिदाबाद पहुंची, 14 जून को शाहाना के परिवार वालों के पास पहुंचकर अपनी बेटी आकांशा से मिलने की गुजारिश की, लेकिन उन लोगों ने कुछ भी नहीं बताया था।
आखिरी लोकेशन यहां मिली थी : बीएसएफ ग्वालियर, बीएसएफ पश्चिम बंगाल, ग्वालियर की एसआईटी और इंटेलिजेंस की टीमें तलाश में जुटी थीं। SIT की जांच के आधार पर पुलिस थाने में शह्यना पर आकांक्षा के अपहरण की एफआईआर दर्ज की थी। शहाना की बहन सहित अन्य परिजनों को आरोपी बनाया था। तीन जुलाई को दोनों की बरामदगी के लिए टीम पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद लिए रवाना हुई थी। दोनों की आखिरी लोकेशन मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में मिली थी। लोकेशन मिलने के बाद पुलिस लगातार दोनों की तलाश कर रही थी। आखिर में दोनो को पुलिस ने पकड़ लिया।