अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) का वर्ष 2025-26 का 1386 करोड़ 47 लाख रुपये (13.86 अरब) का बजट बागी गुट के 15 से अधिक सदस्यों के वॉकआउट एवं धरने के बीच पास हो गया। यह पिछले साल से दस प्रतिशत अधिक है। पिछले साल बजट 1260 करोड़ रुपये (12.60 अरब) था।
इस बजट में सबसे अधिक 110 करोड़ रुपये धर्म प्रचार और 8.40 करोड़ रुपये सिखों के बच्चों की निशुल्क शिक्षा पर खर्च करने का फैसला लिया गया। खास बात यह है कि पहली बार इस इजलास में कोई भी तख्त का जत्थेदार मौजूद नहीं था, जबकि उनकी मौजूदगी जरूरी है।
बजट के दौरान धक्कामुक्की, छीना माइक
इसी तरह एसजीपीसी की ओर से पास किए गए प्रस्तावों में जरनैल सिंह भिंडरावाला के संदर्भ में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए बयान की निंदा की गई। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश व अन्य राज्यों में सिखों के विरोधी माहौल पैदा करने का निंदा प्रस्ताव लाया गया और पंजाब सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए गए।
बजट इजलास दोपहर 12 बजे शुरू हुआ और दोपहर 1:40 बजे समाप्त हुआ। बजट पास होने के तुरंत बाद एसजीपीसी की विपक्षी सदस्य बीबी किरणजोत कौर ने पूर्व जत्थेदारों की बहाली का जैसे ही प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया तो एसजीपीसी के कुछ सदस्यों ने उन्हें रोकने के लिए माइक छीन लिया और धक्कामुक्की शुरू कर दी।
बीबी जगीर कौर ने बीबी किरणजोत से किए दुर्व्यवहार को लेकर विरोध जताना चाहा, लेकिन विपक्षी सदस्यों के मुखर होते देख एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने एसजीपीसी
से संबंधित अन्य प्रस्ताव पढ़ने शुरू कर दिए। ऐसे में 15 से अधिक सदस्यों ने बजट इजलास का वाकआउट कर दिया तथा धरना देते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।
दमदमी टकसाल ने डेढ़ घंटे तक धरना दिया
दमदमी टकसाल के प्रधान भाई हरनाम सिंह खालसा की अगुआई में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका की मौजूदगी में एसजीपीसी के प्रवेश द्वार के समक्ष जत्थेदारों की बहाली की मांग को लेकर दोपहर एक बजे रोष धरना दिया गया।
धरने में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल भी शामिल थे। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 15 अप्रैल तक नए जत्थेदारों को हटाकर उनकी जगह पूर्व जत्थेदारों को बहाल न किया गया तो दमदमी टकसाल फिर से मोर्चा खोलते हुए आंदोलन शुरू करेगा।
इस पर धामी ने बताया कि एसजीपीसी के इजलास के दौरान जत्थेदारों की नियुक्ति व उनकी सेवामुक्ति के नियम बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। 15 दिन में सभी के सुझाव लेने के बाद कमेटी गठित करके इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा।