नगर निगम और काउंसिल चुनाव मामले में पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को चुनाव कराने के लिए आठ हफ्ते का समय दिया है। इसके चलते सरकार द्वारा जनवरी में चुनाव की अधिसूचना जारी करने की उम्मीद है।
इससे पहले राज्य सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उस आदेश में पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया गया था और उसे 15 दिनों के भीतर चुनाव अधिसूचना जारी करने को कहा गया था।
फगवाड़ा, अमृतसर, पटियाला, जालंधर और लुधियाना नगर निगमों के साथ-साथ राज्य की 42 नगर परिषदों का पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। इन कार्यकालों के समाप्त होने के बाद से काफी समय बीत चुका है, फिर भी सरकार ने चुनाव नहीं कराए हैं। यह मुद्दा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष उठाया गया था, जहां से चुनाव कराने का आदेश देने को कहा गया था।
14 अक्टूबर को सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश दिया था कि 15 दिन के अंदर चुनाव अधिसूचना जारी की जाए, वह भी बिना वार्डों में क्षेत्रों को विभाजित किए। हालांकि, यह प्रक्रिया तय समय सीमा में पूरी नहीं की गई, जिसमें कई सरकारी छुट्टियां भी शामिल थीं। नतीजतन, इस मामले को लेकर अवमानना याचिका दायर की गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवमानना का नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि दस दिन के अंदर चुनाव अधिसूचना जारी की जाए। कोर्ट ने साफ किया कि इस नई समय सीमा में पालन न करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना और अवमानना का मामला शुरू किया जाएगा।