नवजात स्वास्थ्य सप्ताह मनाने का मुख्य कारण मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना : डा रघबीर

by

गढ़शंकर : स्वास्थ्य विभाग होशियारपुर परमिंदर कौर सिविल सर्जन के नेतृत्व में 15 नवंबर 2021 से 21 नवंबर 2021 तक नवजात स्वास्थ्य सप्ताह मनाया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए डॉ. रघबीर सिंह सीनियर मेडिकल अधिकारी पोसी ने कहा कि नवजात स्वास्थ्य सप्ताह मनाने का मुख्य कारण मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के दौरान एएनएम और आशा घर-घर जाकर मां और परिवार के सदस्यों को घर पर बच्चे की देखभाल कैसे करें, इसकी जानकारी देंगी। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को किसी भी समस्या से बचने के लिए समय पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करानी चाहिए, गर्भावस्था के दौरान सामान्य से अधिक खाना खाएं, पेट में दर्द, तेज सिरदर्द होने पर फल, सब्जियां और दूध आदि का अधिक सेवन करें। सांस लेने में तकलीफ होने पर आपको नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
स्वस्थ मां को गर्भावस्था के छह महीने और प्रसव के छह महीने बाद तक रोजाना एक आयरन की गोली लेनी चाहिए। जिन माताओं को खून की कमी है, उन्हें गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन छह महीने पहले और प्रसव के छह महीने बाद आयरन की दो गोलियां लेनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी चाहिए बल्कि हल्का व्यायाम, पैदल चलना और योग करते रहना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान 2 टेटनस शॉट भी दिए जाने चाहिए। . उन्होंने कहा कि नवजात शिशु को हमेशा साफ कपड़े में लपेटकर रखें, एक-दो दिन तक बच्चे को न नहलाएं, जन्म के तुरंत बाद बच्चे को साफ सूती कपड़े से साफ करें और जन्म से ही सिर की त्वचा को अच्छी तरह सुखा लें। बच्चे को अपना पहला गाढ़ा पीला दूध, क्योंकि यह बच्चे को घातक बीमारियों से लड़ने की क्षमता देता है। नवजात शिशुओं को हवा और पंखे, कूलर या एयर कंडीशनर से बचाएं, सीधे सामने न रखें। रिश्तेदारों या अन्य रिश्तेदारों को बच्चे को छूने की अनुमति न दें और न ही बच्चे के हाथ में रुपया / नोट रखें क्योंकि ऐसा करने से बच्चे को संक्रमण हो सकता है। बच्चे को पोलियो की दवा जल्द से जल्द दे । उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं में पीलिया, दस्त और सांस की बीमारियां आम हैं और उन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए. उन्होंने मां के दूध का महत्व बताते हुए कहा कि नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है और यह बच्चे को कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है. छूने या स्तनपान कराने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीकाकरण सूची के अनुसार बच्चों को पूरी तरह से टीका लगाया जाना चाहिए ताकि वे जीवन भर 9 घातक बीमारियों से बच सकें। उन्होंने कहा कि बच्चे को गर्भनाल को बिल्कुल भी नहीं छूना चाहिए और उस पर कुछ भी नहीं डालना चाहिए। यदि बच्चा दूध नहीं पीता है, उसे सांस लेने में कठिनाई होती है, छूने पर ठंडा लगता है , बार-बार उल्टी, तेज बुखार, पीली त्वचा या पेट में ऐंठन होती है। यदि ऐसा है, तो बच्चे को तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाया जाये ताकि बच्चे को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
पंजाब , हिमाचल प्रदेश

बिगड़ेगा हिमाचल प्रदेश का मौसम : 24 घंटे में होगी बर्फबारी, चार जगह माइनस में तापमान

एएम नाथ। शिमला :  प्रदेश में बीते दिनों हुई भारी बर्फबारी के बाद सोमवार को मौसम खुल गया लेकिन शीतलहर का असर अब भी जारी है। शिमला और मनाली सहित कई इलाकों में धूप...
article-image
पंजाब

सबसे पहले रिजल्ट आएंगे गिद्दड़बाहा सीट पर : 13 राउंड में होगी गिनती, सुरक्षा के कडे़े प्रबंध

चंडीगढ़।  पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए हुए मतदान के लिए कल  23 नवंबर को मतगणना होगी। इस दौरान सबसे पहले चुनावी नतीजे वीआईपी सीट गिद्दड़बाहा के आएंगे। यहां पर 13...
Translate »
error: Content is protected !!