साकेत नशा मुक्ति और ज़िला पुनर्वास केंद्र के इलाज ने किया तंदरुस्त
पटियाला:
बुरी संगत में फंसकर नशों का शिकार हुए नौजवान की ज़िंदगी पंजाब सरकार की नशा विरोधी मुहिम ने बदल दी है। नशों से छुटकारा पा कर अपने परिवार का सहारा बने नौजवान ने अपने जैसे दूसरे नौजवानों को भी नशे की बीमारी से दूर रहने की अपील की है।
रेड क्रास सोसाइटी की तरफ से चलाए जा रहे साकेत नशा मुक्ति और पुर्नावास केंद्र से उपचार करवा कर ठीक हुए, एक युवक का कहना है कि सरकार की तरफ से शुरू की गई नशा छुड़ाओ मुहिम ने उसे फिर से नई ज़िंदगी प्रदान की है। नशे का सेवन करके समाज से अलग-थलग हुए एक युवक ने नशा छोड़ने के बाद अपनी पहचान छिपाते हुए बताया कि नशा त्यागने के बाद उसने फिर से परिवार और समाज में गुम हो चुके प्यार और सम्मान को वापिस पाया है।
युवाओं ने अपनी आप बीती बताते हुए कहा कि केमिकल नशा शरीर में जान नहीं छोड़ता और नशे की हालत में जहाँ हर वक्त अपराथ होने का डर बना रहता है, वहीं नशों की ओवर डोज के चलते कई युवा अपनी कीमती जान गवाँ चुरके हैं। नशों की दुषपरिणाम देखते हुए इन्हें जल्द से जल्द छोड़ना ही उचित है। साकेत अस्पताल में नशों की लत को छोड़ने में सफलता हासिल कर चुके युवाओं का गहना है कि जो युवा वर्ग आज भी किसी न किसी प्रकार के नशे का शिकार हो रहा है वह इससे छुटकारा पाने के लिए पंजाब सरकार के सरकारी सहायता प्राप्त साकेत अस्पताल में भर्ती होकर नशे की लत से बिना किसी तकलीफ के छुटकारा पा सकता है। नशों को तेयाग चुके युवाओं का कहना है कि नशा छोड़ने के लिए महज इच्छा शक्ति की जरूरत है और ये इच्छा शक्ति परिवार और समाज प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास करने से मिल सकती है।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर परमिंदर कौर मनचंदा का कहना है कि नशा छुड़वाने के लिए महज दवा ही नहीं बल्कि दूसरे साधनों के द्वारा उस की सोच और व्यवहार में भी तबदीली लाने की ज़रूरत होती है। उन्होंने बताया कि दवा के साथ-साथ उनकी काउंसलिंग, योगा, प्रार्थना भी, उन्हें नशों की दलदल से दूर ले जाने में सफल होती है। उन्होंने बताया कि उनके 25 साल के कार्यकाल में उन्होंने सैंकड़ों नौजवानों को फिर से ज़िंदगी की तरफ लौटते देखा है, जिसमें सरकार, स्टाफ और नौजवानों की इच्छा शक्ति बराबर की हिस्सेदार रही है।
नशा छोड़कर अपने परिवार का सहारा बने नौजवान ने दूसरों को भी नशे की लत त्यागने की अपील की
Jun 25, 2021