नई दिल्ली : बिहार चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब पार्टी के भीतर से ही कड़वी बातें खुलकर बाहर आने लगी हैं. इस बार चुप्पी तोड़ी है उस शख्स की बेटी ने, जो कांग्रेस हाईकमान के सबसे भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते थे।
अहमद पटेल… उनकी बेटी मुमताज पटेल ने कांग्रेस की पूरी नेतृत्व व्यवस्था और उसके फैसलों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. मुमताज पटेल ने बिना नाम लिए जिस अंदाज में हमला बोला है, उसे साफ-साफ राहुल गांधी और उनके करीबी सलाहकारों पर निशाना माना जा रहा है. बिहार चुनाव में बुरी तरह हार के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर जो लिखा, उससे पता चलता है कि पार्टी के भीतर गुस्सा किस कदर उबल रहा है।
मुमताज पटेल ने लिखा कि अब बहाने बनाने या किसी पर दोष मढ़ने का समय नहीं है. बार-बार बैठकर कागज पर आत्मचिंतन करने से कुछ नहीं होने वाला. असली जरूरत है खुद के भीतर झांकने की और सच्चाई स्वीकार करने की. उनका कहना है कि पार्टी के हजारों कार्यकर्ता सालों से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कभी जीत भी देखने को मिलेगी, लेकिन होता उल्टा ही है, हर चुनाव में हार और निराशा. उन्होंने साफ कहा कि बार-बार की हार की असली वजह है, पार्टी की कमान कुछ ही लोगों के हाथों में होना, जो जमीन की हकीकत से बिल्कुल कटे हुए हैं. और दुख की बात यह कि हर बार नाकामी के बावजूद यही लोग फिर से ऊंचे पदों पर बैठा दिए जाते हैं।
अहमद पटेल की बेटी की बात इसलिए भी भारी : अहमद पटेल सिर्फ एक नेता नहीं थे, बल्कि सोनिया गांधी के सबसे भरोसेमंद साथी माने जाते थे. कांग्रेस की मुश्किल घड़ियों में उन्होंने पार्टी को कई बार संभाला. इसी वजह से उनकी बेटी का इस तरह खुलकर बोलना पार्टी के अंदर गहरी बेचैनी का संकेत देता है. मुमताज आम तौर पर राजनीति में बहुत कम बोलती हैं, लेकिन जब भी बोलती हैं, साफ-साफ और बिना घुमा-फिराकर बोलती हैं. बिहार के नतीजे आने के बाद उनका बयान बताता है कि पार्टी के भीतर लोग कितना दबा हुआ गुस्सा लिए बैठे थे।
कांग्रेस की हार क्यों हुई… बिहार चुनाव में कांग्रेस की हालत किसी से छिपी नहीं है. सीटें बुरी तरह कम हुईं. उम्मीदवार चयन को लेकर सवाल उठे. प्रचार धीमा और बिखरा हुआ रहा. गठबंधन में भी कांग्रेस की धीमी चाल से नाराजगी रही. विशेषज्ञ मानते हैं कि जब बाकी दल ज़ोर-शोर से मैदान में थे, कांग्रेस का रुख बेहद सुस्त दिखा. यही वजह रही कि पूरी गठबंधन रणनीति हिल गई. मुमताज पटेल का ट्वीट इस दिशा में इशारा करता है कि कांग्रेस की समस्याओं की जड़ ऊपर बैठे उन नेताओं में है, जो हर बार चुनाव की कमान संभालते हैं, लेकिन ज़मीन पर मौजूद हालात से बिल्कुल नदारद रहते हैं।
क्या निशाना राहुल गांधी पर? मुमताज ने नाम नहीं लिया, लेकिन जिस तरह उन्होंने कहा कि कुछ लोग बार-बार असफल होते हैं, फिर भी हर बार पुरस्कृत किए जाते हैं, यह बात कांग्रेस के भीतर सीधा राहुल गांधी और उनके सलाहकारों की ओर इशारा मानी जा रही है. कांग्रेस में लंबे समय से यह चर्चा है कि फैसले कुछ ही लोगों तक सीमित हैं और वही बार-बार चुनावी रणनीति बिगाड़ देते हैं. मुमताज ने भी इसी बात को उसी अंदाज में सामने रखा है।
